महात्मा गांधी दमोह यात्रा की 87 वीं वर्षगांठ मनाई..
दमोह। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की यात्रा की 87 वीं वर्षगांठ अभिव्यंजना फाउंडेशन के तत्वावधान में गड़रयाउ बजरिया वार्ड नंबर 3 में स्थित बाल्मीकि समाज गुरुद्वारा में मनाई हुई। इस अवसर पर फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने नई पीढ़ी को बापू की यात्रा के संस्मरण सुनाएं और उन पलों को आज भी यादगार तथा ऐतिहासिक बताया।
फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ एनआर राठौर ने बताया कि महात्मा गांधी द्वारा पूरे देश में दलित उद्धार, अशिक्षा एवं मदिरापान का विरोध अभियान यात्रा की, जिसके तहत 2 दिसंबर 1933 को उनका दमोह की दलित बस्ती में आगमन हुआ तथा उन्होंने हरिजन मंदिर निर्माण हेतु ईट रखी थी। जिसका स्वरूप अब बाल्मीकि समाज गुरुद्वारा के रूप में है जिसमें हरि सिंह ग्रंथी जी द्वारा पूजा, उपासना एवं अरदास संचालित होती है।
फाउंडेशन के उपाध्यक्ष डॉ पी एल शर्मा ने बताया कि मानक भाषा, उच्चारण तथा लिपि की उत्कृष्टता के लिए अभिव्यंजना फाउंडेशन विगत 25 साल से हिंदी भाषा के प्रचार एवं प्रसार का काम कर रहा है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी अशोक तिवारी, मुख्य अतिथि हरिसिंह ग्रंथि तथा विशिष्ट अतिथि दिनेश असाटी, राम कुमार तिवारी एवं बीएम दुबे रहे। कार्यक्रम में राम रतन पारोचे, लक्ष्मी प्रसाद राठौर, सुरेंद्र पारोचे, दीपेंद्र राठौर आदि की मौजूदगी रही। आभार ओमप्रकाश खरे ने माना।
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