उत्कर्ष विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा प्रस्तुत महारास को देख लोगो ने दांतों तले उंगली दबाई। मानो सचमुच वृंदावन बन गया। हनुमना-रीवा जिले के हनुमना तहसील अंतर्गत ग्राम गौरी के उत्कर्ष विद्या मंदिर में आयोजित वार्षिकोत्सव एवं स्नेह सम्मेलन में रंगमंचीय कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत महारास के मंचन को देख कर के लोग स्तब्ध रह गए मानो सचमुच वृंदावन मे यह रास हो रहा हो
विद्यालय के छात्र-छात्राओं के बोल को सुनकर कोई कहीं नहीं सकता था कि यह बृजवासी नहीं है छात्र-छात्राओं द्वारा कवि सम्मेलन जिसमें सूरदास मीराबाई शिवमंगल सिंह सुमन सुभद्रा कुमारी चौहान आदि के पात्र की भूमिका निभा रहे छात्र छात्राओं की प्रस्तुति से ऐसा लग रहा था कि वास्तव में सूर, मीरा सुभद्रा कुमारी व शिवमंगल सिंह सुमन स्वयं अपनी रचनाओं को पढ़ रहे हो इसके अतिरिक्त अनेक नृत्य एकांकी नाटक तथा ब्रज की होली आदि का मंचन किया गया इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी मृगेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षित रावण भी था लेकिन उसकी शिक्षा नेगेटिव वे में कार्य कर रही थी इसलिए आवश्यकता है संस्कारवान शिक्षा की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार संपत्ति दासगुप्ता विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक कार्यक्रमो ने सिद्ध कर दिया कि इस विद्यालय से निकले छात्र छात्राएं अपने व्यक्तित्व कृतित्व के बल पर जहां भी जिस क्षेत्र में कदम रखेंगे भारतीय संस्कृति व संस्कारों का परचम जगत में लहराएंगे आगे उन्होंने कहा कि मुझे विभिन्न विद्यालयों के कार्यक्रमों में सहभागी होने के साथ ही अनेक राष्ट्रीय मंचों पर भी संचालन आदि के कार्य करने का शुभ अवसर मिलता रहता है सिर शर्म से झुक जाता है जब शिक्षा के नाम पर अपनी दुकानें चला रहे लोग पाश्चात्य संगीत की धुन पर भारतीय संस्कृत को तार-तार करते हुए उभरता परोसने से बाज नहीं आते और उपस्थित अभिभावक भी उसी में आनंदा नुभूति करते हैं। श्री गुप्ता ने “ज्ञानानंदमयं देवम् निर्मलस्फटिकाकृतिम, आधारम् सर्व विद्यानां हयग्रीवमुपास्मये।”का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्या के अधिष्ठाता देव भगवान है वह सरस्वती जिनकी जीह्वा का अवतार है लेकिन पटवारी परीक्षा में हयग्रीव के ऑप्शन को गलत काट दिया गया था जो की स्वयं हमारी भांजी राधा केसरी ने लगाया था अतः आज गूगल आदि में भी गलत जानकारियां बहुत सी डाली गई है तथा लोगों को भी गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है उन्होंने गौरी की भूमि को प्रणाम करते हुए कहा कि इस धरती ने स्वामी श्रीधराचार्य अमदाबाद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य प्रयागराज विद्वता की प्रतिमूर्ति पंडित राम सागर शास्त्री आदि जैसी अनेक विभूतियो को अपनी गोद में पाला है जो समूचे देश में इस भूमि का नाम रोशन कर रहे हैं। अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी श्रीधर पयासी ने श्री गुप्त के वक्तब्यो का उल्लेख करते हुए कहा कि निश्चित ही गौरी की भूमि ऐसे मनीषियों की क्रीड़ा स्थली रही है उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लगने वाली राशि किसी यज्ञ किए गए दान से कम नहीं। विद्यालय के संरक्षक एवं हायर सेकेंडरी पिड़रिया के प्राचार्य डॉ राजेंद्र प्रसाद शास्त्री ने कहां की इस मंच पर प्रस्तुत किए गए रासलीला को 1 वर्ष पूर्व ही मेरे कुशल निर्देशन में भागवत का जो सार है रास पंचाध्याई के अनुरूप ही तैयार कराया गया है आपके सामने है जिसका लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं हारमोनियम वादन विद्यालय संचालक कपिल देव द्विवेदी ने किया कार्यक्रम में पंडित मोतीलाल द्विवेदी सुरेश प्रसाद राल्ही राकेश द्विवेदी धर्मेंद्र द्विवेदी शुभम द्विवेदी आदि की उपस्थित विशेष उल्लेखनीय रहीअ