कलयुगी मां ने सड़क पर लावारिश छोड़ा नवजात को , पुलिस आरक्षक बना फरिश्ता, नवजात को कराया अस्पताल में भर्ती दमोह से कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह : एक कहावत है पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं होती, दमोह जिले में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें माताओं का चेहरा कुछ ऐसा आ रहा है, सामने आ रहा है जिन्हें कलयुग की मा कहना ही ठीक होगा दमोह में नगर कोतवाली अंतर्गत सिटी नल के पास एक मा ने नवजात को लावारिश स्थिति में छोड़ दिया और मां चली गई ।बीती रात पुलिस आरक्षक आकाश पाठक को मामले की जानकारी मिली आरक्षक आकाश पाठक सिटी नल के पास पहुंचे, जहां एक कपड़े में लिपटा हुआ नवजात पड़ा हुआ था रात लगभग 2:00 बजे की है घटना है, लोगों से जानकारी लेनी चाहिए लेकिन इस संबंध कोई भी कुछ भी बताने को तैयार नहीं था, जिसके बाद आरक्षक के द्वारा मानवता दिखाते हुए तत्काल ही मासूम को उठाया और उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर रोहित जैन जो कि ड्यूटी पर थे उनके द्वारा उसे भर्ती कर लिया गया, अब बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है, बच्चे का उपचार भी किया जा रहा है नवजात बच्चा है ,जिस का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही उसे रखा जाएगा पुलिस मामले की जांच करेगी ,कुछ ना कुछ विशेष कारण रहे होंगे तब तो महिला के द्वारा संतान को इस तरह से लावारिस स्थिति में छोड़ दिया ,क्योंकि जिस मां ने 9 माह तक बच्चे को अपनी कोख में रखा आखिर कैसे इतनी निर्दई हो सकती है की उसे जन्म देने के बाद सड़क पर छोड़ दें ,क्या कारण रहे होंगे क्या सामाजिक लोक लाज की वजह से यह कदम उठाए गए ,लेकिन जो भी हो ऐसी मां को शायद यह संतान कभी माफ ना करेगी।

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