कलेक्टर ने जैतपुर और चैरई पहुचकर खेतों में लगी फसलों का जायजा लिया.. वृद्धाश्रम पहुच वृद्धजनों का हाल जाना, कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो मोहन पटेल की रिपोर्ट

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पुराने जिला पंचायत भवन में स्थापित किये जा रहे ग्रन्था लय का जायजा लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए..

कलेक्टर ने खेतों में लगी फसलों का जायजा लिया
दमोह। कलेक्टर श्री तरूण राठी तेन्दूखेड़ा सब-डिवीजन के ग्राम चैरई ग्राम के खेत में पहुंचकर सोयाबीन की फसल का अवलोकन किया और फसल के संबंध में कृषि और राजस्व अधिकारियों से चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। यहां से कलेक्टर ग्राम जेतगढ़माल पहुंचे। यहां पर उन्होंने खेत में पहुंचकर मूंग और उड़द की फसल का अवलोकन किया, किसान से चर्चा भी की। श्री राठी ने एसडीएम भारती देवी मिश्रा और तहसीलदार मोनिका बाघमारे ओर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पीआर चक्रवर्ती से गिरदावरी के संबंध में कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा।

कलेक्टर श्री तरूण राठी के निर्देश पर कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिक दल ने विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा का किया भ्रमण जानी फसलों की स्थिति एवं कीट व्याधि के नियंत्रण हेतु कृषकों को सलाह दी गई। विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा के ग्राम- जैतपुर, तारादेही, हिनौती, हरदुवां हाथीघाट एवं केवलारी का दल द्वारा भ्रमण किया गया। जिसमें पाया कि सोयाबीन व उड़द पीला मोजैक रोग से प्रभावित है तथा सोयाबीन फसल में कहीं-कहीं तना छेदक कीट का प्रकोप भी बहुतायत में दिखाई दे रहा है।

सोयाबीन फसल में फंफूद जनित रोग ब्लाइट, एन्थे्रकनोज व राइजोक्टोनिया रूट रॉट भी दिखाई दे रहे है। तथा धान फसल में ब्लास्ट एवं सीथ ब्ला इट की प्रारंभिक अवस्था में दिखाई दे रहा है। उक्त कीटों व रोगों के प्रबंधन हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र दमोह के वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों को समसामयिक सलाह दी है।इस समय आर्द्रता एवं तापमान दोनों अधिक है जो कि रोग व कीटों की अनुकूल व्यवस्था है ऐसे में इनका प्रकोप ज्यादा होना स्वाभाविक है। अतः पीला मोजेक के रोकथाम हेतु कृषकों को सलाह दी जाती है, कि थायोमेथाक्साम 25 डब्ल्यू.जी. (व्यापारिक नाम- आरिवा या अनंत या एक्टारा) 250 ग्रामध्हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

तना छेदक कीट के नियंत्रण हेतु शुरूआती अवस्था में प्रोपेनोफॉस 40 ई.सी,साइपरमेर्थिन 5 ई.सी. (व्यापारिक नाम- राकेट) 1 ली.ध्हैक्टेयर की दर से छिड़काव करने से प्रभावी नियंत्रण हो जाता है ज्यादा प्रकोप होने पर बेटासाइफलूथ्रिन 8.4 प्रतिशत इमिडाक्लोप्रिड 21 प्रतिशत (व्यापारिक नाम-सोलोमन) या फलूबेंडामाइड 19.9 ई.सी.थायोक्लोप्रिड 19.9 ई.सी. (व्यापारिक नाम-बेल्ट एक्सपर्ट) या एन्डाक्साकार्ब 14.5 ई.सी. एसिटामिप्रिड 7.7 ई.सी. (व्यापारिक नाम माइटी) 250 मिलीध्हैक्टेयर की दर से छिड़काव करने से कई तरह के कीटां का प्रभावी नियंत्रण होता है। राइजोक्टोनिया रूट राट, ब्लाइट एंव एंथ्रिकनोज रोग के प्रभावी नियंत्रण हेतु रोक्लो स्ट्रोबिल़इपोक्सीकोनाजोल (व्यापारिक नाम ओपेरा) 500 मिलीध्हेक्टेयर की दर से छिड़काव करनें से उक्त फंफूदजनित रोगों का प्रभावी नियंत्रण होता हे। कृषकों से अनुरोध है कि उक्त सभी रसायनों को छिड़कने हेतु 500 लीटर पानीध्हैक्टेयर के हिसाब से उपयोग करना चाहिए। धान फसल में ब्लास्ट एवं सीथ ब्लाइट के नियंत्रण हेतु टेब्यूकोनोजोल (केबियेट) 250 ! हिसाब से उपयोग करना चाहिए।

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