समस्याओं का जल्द निराकरण की मांग की
हटा – क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर सतत आवाज उठाने वाले कांग्रेसी नेता दीपेश पटेरिया ने एक बार फिर किसानों के हक के लिये अपनी आवाज बुलंद की है । उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार लगातार किसानों के हित मे काम कर रही थी,लेकिन सरकार को षड्यंत्र पूर्वक गिराने के बाद अब भाजपा सरकार किसानों को परेशान कर रही है। कांग्रेस नेता दीपेश पटेरिया के द्वारा हटा एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में उल्ल्लेख किया है कि उड़द – सोयाबीन की फसल प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो जाने के बाद किसानो ने कर्ज लेकर दिन रात अपने परिवार का पेट काटकर नई फसल का उत्पादन किया था और जब आज किसानों ने अच्छा उत्पादन किया तो उसकी फसलों का सही दाम प्राप्त नहीं हो पा रहा , हमारे अन्नदाता ने विपत्तियों और अभावों को सहकर सरकारी खरीदी का इन्तेजार किया लेकिन आज वो अपने आप ठगा हुआ महसूस कर रहा है अतः प्रशासन व सरकार से आग्रह है कि किसानों की निम्न समस्याओं पर तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए उन्हें हल किया जाए । सायलों केन्द्र में किसान बंधु 4-5 दिन से कतारों में वाहनों के साथ खड़े है इस भीषण गर्मी में उनकी साइलो केन्द्र पर उनके लिए व्यवस्था की जाये एवं जिन भी किसानो के रजिस्टेशन हुए है उनकी पूर्ण उपज को खरीदने की व्यवस्था हो । लॉक डाउन के कारण अभी भी क्षेत्र के बहुत से किसानों की उपज को लेकर साइलो केन्द्र तक नही पहुंच पाये ऐसे में खरीदी की तिथि को 10 दिवस के लिए बढ़ाया जाए ताकि किसान अपनी फसल को व्यवस्थित केन्द्र तक ला सके । चना खरीदी में किसानों के साथ सरकार जो भेदभाव कर रही नियम कायदों में उलझाकर किसानों के चने को अमानक बता कर उनकी फसल को नहीं खरीद रही जिसके कारण हमारा अन्नदाता कम दामों बाजार में बेचने को विवश है , चने की फसल की फसल की खरीदी को केन्द्र में चालू कराया जाये । फसल बीमा की राशि अन्य जिलों में प्राप्त हो रही है लेकिन दमोह जिले सहित हटा पटेरा के बैकों के खातों में अभी तक राशि नही आ रही है उसे तत्काल भुगतान कराया जाये । पूर्व काग्रेस सरकार ने उडद – सोयाबीन की प्राकृतिक आपदा ग्रस्त फसलों के मुआवजे को चार किस्तों पर देने का निर्णय लिया था सभी किसानों के खातों में एक किस्त का भुगतान भी हो गया था शेष तीन किस्तों का तत्काल भुगतान किसानों के खातों में कराया जाये । पिछली सरकार द्वारा 2 लाख रूपये तक की किसानों की कर्जमाफी कर दी गई योजना में बचे हुए शेष किसानों को इस योजना के दायरे मे लाकर उनकी कजमाफी की जाये । ‘ किसानो की इन सभी समस्यओं पर गम्भीरतापूर्ण प्रभावी कदम उठाते हुए अन्नदाता के हितों निर्णय ले , अगर हमारी मांगे न मानते हुए किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है तो जनहित के लिए किसानों के साथ आंदोलन के लिए विवश होना पडेगा जिसका जिम्मेदार प्रशासन स्वयं होगा ।