दमोह/भोपाल(kundeshwartimes) “मैंने कहा था कि बारीकी से जांच होनी चाहिए, इसके बाद भी पुलिस ने जल्दबाजी में जांच कर दी है, उसका मैं सख्त विरोध करता हूं, और जब तक इन सको न्याय नहीं मिलेगा, मैं दमोह पुलिस की कोई सेवाएं नहीं लूंगा. आज से ही इन सबको वापस करुंगा. मेरी निजी सुरक्षा है, उसके अलावा दमोह पुलिस का कोई भी कर्मचारी मेरे बंगले पर या मेरे साथ नहीं होगा.” यह शब्द केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के हैं. वे अपनी ही सरकार की पुलिस से नाराज हैं, क्योंकि एक मामले में उनके सांसद प्रतिनिधि समेत दूसरे भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया, लेकिन जब प्रहलाद पटेल की यह नाराजगी सामने आई तो प्रदेश सरकार में हलचल मच गई. पुलिस पूरी तरह बैकफुट पर आ गई.।
सीआईडी जांच के आदेश: प्रहलाद पटेल को नाराजगी जताए बमुश्किल 5 घंटे ही बीते थे कि एमपी पुलिस ने इसी मामले में सीआईडी जांच बैठा दी. शाम को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आ गया. उन्होंने कहा कि प्रहलाद पटेल हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और सम्मानीय हैं. उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है. दमोह का जो मामला संज्ञान में आया है, उसे हमने गंभीरता से लिया है और तत्काल ही उसकी सीआईडी जांच के आदेश हो चुके हैं. जो जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में कांग्रेस ने भी बयान देने में देरी नहीं की।
कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा:कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने प्रहलाद पटेल का बयान सामने आते ही लिखा कि यही है नरेंद्र मोदी का “समान नागरिक कानून”! भारतीय न्याय व्यवस्था में किसी भी व्यक्ति का “मृत्यु पूर्व दिया गया बयान अथवा सुसाइड नोट” एक महत्वपूर्ण साक्ष्य माना गया है. उसी के अनुरूप न्याय होता है, किंतु संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का कानून कुछ और है? दमोह में राशन दुकान के एक संचालक ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली, कथित आरोपियों के खिलाफ उसी आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की, मंत्री जी को अपने चहेतों पर हुई यह कार्रवाई अनुचित लगी! बेचारी (!!) पुलिस क्या करे? राष्ट्रभक्त बने या राष्ट्रद्रोही? इंदौर में बजरंगियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद भी पुलिस को अपने सम्मान के लिए सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठानी पड़ी थी?
क्या है पूरा मामला: एमपी के दमोह जिले में 23 जून को राशन की दुकान चलाने वाले सेल्समैन विक्रम उर्फ विक्की रोहित का शव मिला था. पुलिस ने जब तलाशी ली तो उसके पास से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला. इस सुसाइड नोट में सबसे पहला नाम यशपाल ठाकुर का है. यशपाल ठाकुर सांसद प्रतिनिधि है और दमोह नगर पालिका के वार्ड 3 की पार्षद का पति है. इसके अलावा भाजपा नेता माेंटी रैकवार, नरेंद्र परिहार और नर्मदा सूर्यवंशी पर भी मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के नाम का भी एक जगह जिक्र किया गया है.
मंत्री की नाराजगी इसलिए:पूरा मामला सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा था कि इसकी बारीकी से जांच की जाए और फिर एफआईआर दर्ज करें, लेकिन पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर एफआईआर दर्ज कर दी. चूंकि सुसाइड नोट में केंद्रीय मंत्री का नाम भी था तो उनका कहना है कि जिस नौजवान ने आत्महत्या की, उसकी मौत का मुझे दुख है, लेकिन इस मामले में पहले हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाए. यदि यशपाल ठाकुर पर मामला दर्ज हुआ तो मेरे खिलाफ भी होना चाहिए, क्योंकि सुसाइड नोट में मेरा भी नाम लिखा है. यशपाल ठाकुर एक जिम्मेदार कार्यकर्ता हैं और मैं हर हाल में उसके साथ हूं.
क्या लिखा है सुसाइड नोट में:“मैं विक्रम रोहित उर्फ विक्की बजरिया नंबर 3 सद्भावना प्राथमिक उप. भंडार (110310) का सेल्समैन हूं. मेरी दुकान में 28 अप्रैल 2023 को गौरीशंकर प्राथमिक उप. भंडार अटैच की गई थी, जिसकी पावती मुझे कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा से प्राप्त हुई. उसके बाद नरेंद्र परिहार जोकि गौरीशंकर प्राथमिक उप भंडार चलाता था. उससे मैं बार-बार चार्ज लेने के लिए बोलता रहा कि मुझे चार्ज दे दो. 1 महीने तक हमें घुमाता रहा फिर 25 मई 2023 को फोन करके बता रहा कि नरेंद्र परिहार और नर्मदा सूर्यवंशी दोनों की बात धर्मपुरा वार्ड पार्षद यशपाल ठाकुर से बात करके नर्मदा सूर्यवंशी के नाम से करवा दी और तीनों चलाएंगे. यशपाल ठाकुर, नरेंद्र परिहार, नर्मदा सूर्यवंशी इन्होंने मेरी दुकान सद्भावना का सामान और धर्मपुरा गौरी शंकर का सामान दोनों दुकानों का जून 2023 का गेहूं, चावल, नमक, शक्कर एक साथ आया और हमें बिना बताए धर्मपुरा में उतरवा लिए, मांगने पर वापस नहीं कर रहे और मुझसे एक विल रिसीव करवा लिया. यह बोलकर कि आपका सामान भेज रहे नरेंद्र परिहार ने बोला विल रिसीव कर लो सामान भेज दे रहे. इन लोगों के द्वारा मुझे बार-बार परेशान किया जा रहा. मुझे दुकान नहीं चलाने दे रहे. यह सब सांसद प्रहलाद पटेल के यहां गए थे. यशपाल ठाकुर ने सांसद के और कलेक्टर साहब के यहां के खाद्य शाखा विभाग दमोह से नोटिस जारी करवाया, 23 मई 2023 को. यह सब उपचुनाव के बाद से पार्षद मोंटी रैकवार और यशपाल ठाकुर सांसद के नाम पर मुझे काम धंधा नहीं करने दे रहे हैं और जब तक मैं जिंदा रहूंगा तब तक यह लोग मुझे काम धंधा नहीं करने देंगे. सबसे उम्मीद है कि मेरी मरने के बाद यह लोग मेरे परिवार को तकलीफ नहीं पहुंचाएंगे.।