पवई शासन द्वारा बाहर से आने वाले यात्रियों को ठहरने के लिए लाखो रूपया खर्च कर के बस स्टैण्ड सापिग काम्पलैक्स के रेन बसेरा का निर्माण नगर परिषद द्वारा कराया गया था जो तत्कालीन अध्यक्ष ने अपने देवर के नाम फर्जी बोली के माध्यम से परिषद की मिलीभगत से नीलामी कराकर निजि धरोहर बनकर रह गया है जिसकी शिकायत भी पार्षदो द्वारा की गई लेकिन आज तक रेन बसेरा खाली न हुआ कडाके की ठंड में बाहर से आने वाले यात्रियों को ठहरने के लिए परिषद द्वारा यात्री प्रतीक्षालय मे बने दो कमरों में बैकल्पिक व्यवस्था जरूर की गई लेकिन वहां भी ताला लगा रहता है सी एम ओ का कहना है इसकी चाबी परिषद के कर्मचारी के पास रहते है जिसको को जरूरत होगी वो ले सकता है। पिछले वर्ष भी रेन बसेरा के आभाव में एक परिवार छोटा बच्चा लिए लिए अलाव के सहारे रात काटी थी जिसकी खबर खबर समाचार पत्रों में आने के बाद प्रशासन द्वारा सापिग काम्पलैक्स के ऊपर बने रेन बसेरा का निरीक्षण करते हुए पूर्व सी एम ओ से रिकार्ड मांगा गया था लेकिन वर्ष बीतने के बाद भी कुछ नही हुआ ज्ञात हुआ है रेन बसेरा को समाप्त कर दुकानों के निर्माण किये जाने की योजना गुप्त रूप से चल रही है।