हनुमना_(रीवा) वन परिक्षेत्र हनुमना क्षेत्र अंतर्गत रमकुड़वा के जंगल में बीती शाम एक वयस्क कृष्ण मृग की गोलीमार कर हत्याकरनेवाले दोनों हत्यारों को ग्रामीणों ने अपनी सजगता व करतब्यनिष्ठा का परिचय देते हुए शव सहित हत्यारों को पकड़ कर सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया।
उल्लेखनीय है कि कृष्ण मृगों की क्रीड़ास्थली वन परिक्षेत्र हनुमना में बहुतायत संख्या में इन गृगो के स्चछन्द विचरण व उछल-कूद इन शिकारियों के आंख की किरकिरी बन गया है इनका शिकार कर मांस चमड़ा सहित सींग आदि अंतरराष्ट्रीय बाजार तक में ऊंचे दामों में बेचकर अच्छी-खासी कमाई के चलते बेखौफ होकर बेचारे निरीह वन्य प्राणियों का शिकार आये दिन करते रहते हैं।यह बात अलग है कि बंदूक़ से शिकार करने वाले इन खूंखार हत्यारों की गोली से कहीं मेरा ही सीना छलनी न हों जाये के भय से जलदी कोई विरोध करने का साहस नहीं करता। कुछ माह पूर्व भी एक घायल कृष्णमृग मिला था जिसकी इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका था। घटना के सम्बंध में वनविभाग के एस डी ओ एस एल साकेत ने हमारे संवाददाता संपति दास गुप्ता द्वारा पूछें सवालो के जवाब में क्या कहा सुने । सूचना पाकर एसडीओ श्रीसाकेत के निर्देशन व रेजर बृजभान साकेत के कुशल मार्गदर्शन में घटना स्थल पर पहुंच कर मृग को कब्जे में लेने वाले टीम में बसंत लाल पांडे राम सहोदर त्रिपाठी राकेश मिश्रा मनीष पटेल रामलाल रावत अनिल शर्मा रवि चतुर्वेदी राम कलेश गोपाल पांडे शामिल थे मृत मृग का शव विच्छेदन राष्ट्रीय वन उद्यान मुकुंदपुर केएसक्यू टीम के डाक्टर राकेश सिंह तोमर ने किया साथ में पशु चिकित्सा अधिकारी हनुमना के के गुप्ता व अन्य चिकित्सकों का दल उपस्थित रहा। इधर घटना के चश्मदीद गवाह दयाशंकर मिश्रा जो खटखरी से आ रहे थे बताते हैं कि गोली चलने की आवाज सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे हत्यारे मृग का गला काटने जा रहे थे तभी ग्रामीण युवकों ने उन्हें धर दबोचा या उल्लेख करना आवश्यक है कि कृष्ण मृग का सींग सहित गला लाखों रुपए में बेचा जाता है।
सम्पति दास गुप्ता, ब्यूरो हनुमना