दमोह (kundeshwartimes)
जनपद पंचायत पटेरा की ग्राम पंचायत छेवलादुबे मे गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर ग्रामवासियों की सुविधा हेतु पानी निकासी के लिए ग्राम में सीसी निर्माण का कार्य के लिए शासन लाखों रुपए दे रही है ताकि गांव में सीसी निर्माण हो सके ग्राम पंचायत सरपंच , सचिव एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत से सीसी निर्माण कार्य को भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ाया गया मामला पटेरा जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत छेवलादुबे का जहां सीसी निर्माण में जमकर भ्र्ष्टाचार किया जा रहा है जहां पर पंचायत द्वारा सीसी निर्माण एवं नाली निर्माण कार्य के लिए 24/10/2022 लगभग 2 लाख की राशि निकाली गई है लेकिन मौके स्थल पर सीसी निर्माण एवं नाली निर्माण कार्य नहीं हुआ है जो पुलिया से विनय चनपुरिया के घर की ओर सीसी निर्माण कार होना था लेकिन सचिव सरपंच द्वारा शासन के नियम की धज्जिया उड़ा के निर्माण कार्य का नामोनिशान भी नहीं इस निर्माण कार्य के बारे में ग्राम पंचायत के निवासीयों व दर्जनों ग्रामवासियों ने बताया कि निर्माण कार्य मौके स्थल पर अभी नहीं हुआ है और राशि निकाल लिया गौरतलब है कि किसी भी निर्माण कार्य की मूल्यांकन व जाँच उपयंत्री द्वारा की जाती है तभी मौके स्थल का निरीक्षण एवं उसकी गुडवत्ता का आंकलन होता है और वह निर्माण कार्य का मूल्यांकन करते हैं , लेकिन उपयंत्री की भी इस निर्माण कार्य में मूक सहमति मालूम होती है। राजनैतिक संरक्षण के चलते ग्राम पंचायत सरपंच , सचिव एवं रोजगार सहायक सम्हाल रहे हैं यही प्रतीत होता है कि वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से ही ग्राम पंचायतों में सीसी निर्माण एवं नाली निर्माण को भ्रष्टाचार कर पैसे को हड़प लिया है अब देखना यह है कि सरपंच , सचिव एवं रोजगार सहायक उपयंत्री के भ्र्ष्टाचार पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है जनपद पंचायत पटेरा के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई क्योंकि जनपद पंचायत पटेरा के अधिकारियों की खानापूर्ति उनके कार्यालय में ही हो जाती है इसलिए मौके स्थल पर जो निर्माण होना है या हो गया है उसकी जांच करने नहीं जाते कि कैसा निर्माण कार्य हो रहा है इसलिए सरपंच रोजगार सहायक अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्य कर लेते हैं और जनपद पंचायत पटेरा के अधिकारियों की मिलीभगत से मूल्यांकन कर राशि भी निकाली जाती है और उनको कुछ मतलब ही नहीं रहता है कि निर्माण कार्य कैसे हो रहा है क्योंकि उनके घर का पैसा नहीं सरकार का पैसा लग रहा है जो अधिकारियों की मिलीभगत से उस पैसे को पानी की तरह बर्बाद किया जा रहा है शासन गांव के विकास के लिए लाखों रुपए खर्च करती है ताकि गांव का विकास हो सके लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से गांव का विकास नहीं हो पाता है और शासन को लाखों रुपए का सरपंच रोजगार सहायक एवं उपयंत्री द्वारा चूना लगाया जाता है सीसी निर्माण कार्य का पैसा लगभग 6 महीने पहली निकाल लिया गया था और सरपंच सचिव द्वारा उसका उपयोग किया जा रहा है शासन के पैसों का दुरुपयोग कर रहे उनको शासन के इन पैसों का 6 महीने का ब्याज सहित वसूली की जाए अब देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जाती है।