हनुमना_ स्थानीय स्वामी माधवाचार्य जी महाराज की तपस्थली रामलीला मैदान में होली के दूसरे दिन आयोजित ठहाका कवि सम्मेलन में कवियों द्वारा बहाई गई काब्य साहित्य की त्रिवेणी में देर रात तक लोगों ने डुबकी लगाते हुए हास्य व्यंग भरे गीत कविता और मुक्तको को सुन कर लोटपोट होते रहे। उल्लेखनीय है कि नगर में पूर्व से चली आ रही मूर्ख सम्मेलन आयोजन की परंपरा को तोड़ते हुए विगत वर्षों से कार्यक्रम संयोजक विष्णु दास गुप्ता की टीम ने होली के शुभ अवसर पर कवि सम्मेलन करने का निर्णय लेकर जाने-माने कवियों को बुलाकर साहित्य की त्रिवेणी बहाने की जो श्रृंखला प्रारंभ की वह इस वर्ष भी लोगों की भूरि भूरि प्रशंसा का विषय बना रहा इस वर्ष कवि सम्मेलन में जिन खयातिलब्ध कवियों को बुलाया गया था उनमें भूपधर द्विवेदी “अलबेला” ने समसामयिक राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “महाराज ने कर दिया कमलनाथ से झोल, खतरे में सरकार है हुए विधायक गोल। जोगीरा सा रा रा रा।” कवि सम्मेलन का सफल संचालन कर रहे कवि आशीष तिवारी “निर्मल” ने जनता द्वारा नकारे जाने पर हार का ठीकरा वोटिंग मशीन पर फोड़ते वालों
पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “ईया बाति कहीं रहे पूरे यकीन से। बुलंदी पर बैठे मोदी उठि के जमीन से। जे अपने मेहरारू से छेड़छाड़ मा नाकाम भेँ। ऊं छेड़छाड़ का करिहैं वोटिंग मशीन से।”होली की ठिठोली पर कटाक्ष करते हुए बघेली के जाने-माने कवि राम लखन सिंह “महगना” ने चेहरा मुरझान जेकर कबहु नहिं, मनकत हय। फागुन मां ओनहुन के रूप रंग चमक हय।”अपनी वीर रस की कविताओं के लिए मशहूर नीरज “निर्मोही” ने देश के गद्दारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “भारत में पाकिस्तान जय जिन्हें बोलना है लक्क तुक्क लेके पाकिस्तान चले जाइए।” ख्याति लब्ध गीतकार अजय शंकर पांडे ने बसंती बयार की फिजा बिखेरते हुए कहां कि ” पागल बसंत है धंउ पागल बनाइ रहा, । जन जन डारि_डारि पांत पांत छाय रहा।” देश की सेना पर उंगली उठाने वाले राजनेताओं को नसीहत देते हुए अपनी ओजपूर्ण वाणी में उमेश मिश्र “लखन” ने कहा कि “राजनीति करइ का करतूत चाही, कुछ त मसाला मजबूत चाही। जे सोबत रहे देश मा वर्दा बेंचि के, उनहूं के सेना का सबूत चाही।’कमल किशोर कमल ने प्रदेश राजनीति के वर्तमान उठापटक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “अइसन रंग न खेला भाई, जइसन खेलिनि नाथ। दिग्विजय के पिचकारी से टोरिनि आपन हाथ ।” डा ० कैलाशनाथ तिवारी ने होली गीत के माध्यम से लोगों को शराबोर करते हुए कहा कि “कर्ण प्रिय सुमधुर गीत संगीत गये,दिल से जुड़े रहे सारे वे गीत गये। चीख चिल्लाहट रंग बेचैनी है बख्त जो अच्छे थे जाने कब बीत गये।”विशिष्ट अतिथि तथा मिर्जापुर आकाशवाणी कथावाचक पंडित हरिशंकर अनुरागी ने किसानों की पीड़ा बंयां करते हुए कहा कि” अभागा एहि देशवा क सबसे किसान,अपुनइं जोताई करइ अपुनइ बोवाई करइ, तबउ रहइ दिनभर भुखान।”इसके अतिरिक्त हेमंत कुमार ने भी अपनी चंद रचनाओ के माध्यम से लोगों को जहां आल्हादित किया वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अवकाश प्राप्त प्राचार्य रामकृष्ण गुप्ता ने कहा कि पूज्यपाद स्वामी माधवाचार्य जी की कृपा का ही परिणाम है कि इस तपस्थली में पूरे वर्ष भर धार्मिक व सामाजिक अनुष्ठान होते रहते हैं उन्होंने समाज के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि रचनात्मक कार्यो में अपनी ऊर्जा को लगाएं तभी इस समाज व राष्ट्र के कल्याण के साथ ही आपका भी उत्थान संभव है, सेठ रघुनाथ प्रसाद महाविद्यालय शासी निकाय के अध्यक्ष तथा विशिष्ट अतिथि शेठ सुदर्शन दास ने कहां की ऐसे ही साहित्य की त्रिवेणी इस नगर में बहती रहे यह समाज उसमें गोता लगातारहे
। कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार संपति दास गुप्ता ने समस्त अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कवियों एवं सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया वही स्वामी माधवाचार्य जी महाराज के बारे में बताया कि 108 वर्षों तक वे इसी धर्मशाला में तपस्यारत रहे उन्हीं की देन है कि धर्मशाला सुरक्षित है जिन्होंने स्वयं शरीर त्याग के बाद अराजक तत्वों के अड्डा बन जाने पर वरतमान में हरि सेवा समिति के अध्यक्ष राधेश्याम गुप्त को स्वप्न में आकर धर्मसाले के नव निर्माण की प्रेरणा देकर समिति का गठन कराया और आज पूरे प्रदेश में हनुमना का स्वामी माधवाचार्य की तपस्थली का प्रतीक यह धर्मशाला जाना जाता है। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक विष्णुदास गुप्त ने करते हुए समस्त अतिथियों का स्वागत जहां किया वही कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी माधवाचार्य जी महाराज एवं मां सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया कार्यक्रम के अंत में समस्त कवियों एवं अतिथियों का भगवा कलर का शाल ओढ़ाकर अबीर गुलाल लगा
कर सम्मान किया गया। उल्लेख करना आवश्यक है कि कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना कमल नारायण तिवारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमआर मेहरा को भी शामिल होना था लेकिन कार्यक्रम देर से प्रारंभ होने के कारण कार्यक्रम स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम प्रारंभ होने के पहले ही अपनी विशेषताओं के चलते कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सके थे निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष मोहनलाल पटेल भी बतौर विशिष्ट अतिथि मंच पर उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में रेवती रमण रामनिवास गुप्त अनूप केशरी राकेश गुप्ता, राजा बाबू विकास गुप्ता सरोज गुप्ता सुरेश गुप्ता ओमप्रकाश चश्मा वाले आनंद केसरी अजय गुप्ता अखिलेश केशरवानी अनिल गुप्ता मनोज सोनी टोले हरिश चंद्र गुप्त मनोज गुप्ता आदि की भूमिका सराहनीय रहा।