देवसर(kundeshwartimes)- देवसर तहसील के ढोंगा गांव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है पट्टेदार महिला के नाम पर दूसरी महिला दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई इस पूरे खेल में स्टांप वेंडर के अलावा उप पंजीयक सहित अन्य विभाग के अमले शामिल रहे बताते हैं कि यह पूरी कहानी स्टांप वेंडर आलोक द्विवेदी के दफ्तर में गढ़ी गई मामला सामने आने के बाद इस पूरे खेल को अंजाम देने वालों के हाथ पांव फूलने लगे हैं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करने का मामला कुंदवार पुलिस चौकी सहित कलेक्टर सिंगरौली की संज्ञान में पहुंच चुका है ऐसे में माना जा रहा है कि निश्चित रूप से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा सकती है, यदि गहन पड़ताल हो तो जमीन के क्रेता विक्रेता तथा स्टांप वेंडर रजिस्ट्री लेखक उप पंजीयक सहित नोटरी भी कार्रवाई की चपेट में आ सकते हैं बताते हैं कि उप पंजीयक कार्यालय देवसर में फर्जी रजिस्ट्री करने का यह कोई नया मामला नहीं है इसके पूर्व भी कई रजिस्ट्री फर्जी तरीके से की गई है जिसका मामला पुलिस थाना सहित अन्य जिम्मेदारों की संज्ञान में पहुंचा था लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया था इस वजह से फर्जी रजिस्ट्री करने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है अब इन दिनों जिस तरह से फर्जी रजिस्ट्री की गई है ऐसे में यदि कार्रवाई नहीं हुई तो निश्चित रूप से आए दिन और भी फर्जी रजिस्ट्री होती रहेंगी
मामले पर एक नजर
देवसर तहसील के ढोंग निवासी राम सुरेश केवट पिता स्वर्गीय वंश पति केवट ने शिकायत पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि उनकी माता तिलरनीया उर्फ दुलरनिया केवट पति स्वर्गीय वंश पति केवट की मानसिक स्थिति सही नहीं होने के कारण अपने घर से वर्ष 2012 में गुमशुदा हो गई है लेकिन उनके नाम ग्राम ढोंगा की आराजी नंबर 989 /1/1 रकबा 0. 5400 हेक्टेयर भूमि को दादू लाल माझी पिता वंश पति के द्वारा धोखाधड़ी कर किसी दूसरी औरत को खड़ा कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाया गया है रजिस्ट्री पंजीयन क्रमांक एमपी 508462022 ए 1915272 दिनांक 06/09/2022 को रजिस्ट्री हुई है
कूट रचित दस्तावेज तैयार कर हुई रजिस्ट्री
बताते हैं कि इस फर्जी रजिस्ट्री की कहानी योजनाबद्ध तरीके से गढ़ी गई पट्टेदार महिला जो पिछले 10 वर्षों से गायब है उसकी जगह किसी दूसरी महिला जो नौगई गांव की बताई जा रही है उसी महिला को बुलाकर कूट रचित दस्तावेज तैयार किया गया चूंकि पट्टेदार महिला का आधार कार्ड ना होने की वजह से मतदाता परिचय पत्र का सहारा लिया गया और रजिस्ट्री में जरूरी दस्तावेज के कॉलम में आधार कार्ड लिखा गया है तथा आधार नंबर की जगह मतदाता सूची का नंबर दर्शाया गया है इसके अलावा भी अन्य दस्तावेज भी कूट रचित तरीके से तैयार किए गए हैं
स्टांप वेंडर की दफ्तर में गढ़ी गई कहानी
बताते हैं कि यह फर्जी रजिस्ट्री करने की पूरी कहानी स्टाफ वेंडर आलोक द्विवेदी के दफ्तर में गढ़ी गई जमीन के क्रेता और स्टांप वेंडर मिलकर इस पूरे खेल को अंजाम दिए साथ ही जिस तरह से उप पंजीयक गंगाराम पांडे भी आंख बंद कर रजिस्ट्री कर दिए ऐसे में उन्हें भी इस पूरे खेल में शामिल होने की बात कही जा रही है उनके अलावा नोटरी तथा अन्य विभागीय कर्मचारी भी इस पूरे खेल में शामिल थे इसी वजह से फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेधड़क रजिस्ट्री करा दी गई।
इनका कहना है
इस मामले की जांच कराई जाएगी तथा गलत पाए जाने पर संबंधित जनों पर उचित कार्यवाही की जाएगी
अरूण कुमार परमार
कलेक्टर सिंगरौली