दिल्ली नगर निगम महापौर की कुर्सी आम आदमी के कब्जे में 149 मत प्राप्त कर शैली ओबेरॉय बनी महापौर

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नई दिल्ली (kundeshwartimes) सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थाई समिति के 6 सदस्यों के चुनाव में दिल्ली नगर निगम में आज मेयर पद के लिए चुनाव संपन्न हुए प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त निर्वाचन में 241 पार्षदों ने मतदान किया और आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय महापौर चुनी गई हैं विदित हो कि सहेली ओबरॉय को 241 में से 149 मत मिले हैं इससे पहले आज मतदान के दौरान सिविक सेंटर में हंगामा शुरू हो गया था गौरतलब है कि ऐसे ही हंगामे के कारण मेयर चुनाव तीन बार टाला जा चुका है दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शैली ओबरॉय और भाजपा उम्मीदवार रेखा गुप्ता के बीच मुकाबला था

हंगामे की आशंका को देखते हुए रही सुरक्षा की व्यवस्था

मेयर पद के चुनाव में भारी हंगामा होने की आशंका पूर्व से ही जताई जा रही थी इसलिए सदन में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी सिविक सेंटर में एसएसबी जवानों को तैनात किया गया था तो वहीं दिल्ली के चुने हुए सांसद और विधायक अपना वोट डाल चुके हैं वहीं पार्षद अपना वोट डाल रहे हैं आप सांसद संजय सिंह बीजेपी सांसद हंसराज हंस और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने वोट डाल दिया है और सिविक सेंटर से निकल गए हैं बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने कहा कि आम आदमी पार्टी को घबराना नहीं चाहिए उन्हें अपने लोगों पर विश्वास होना चाहिए

एमसीडी के घोषित नतीजों में एक नजर, क्या रही दलों की स्थिति

विदित हो कि 7 दिसंबर को एमसीडी के चुनाव नतीजों में भाजपा को 104 और आम आदमी पार्टी को 134 इसके साथ ही कांग्रेस को 9 सीटें मिली थी 3 प्रत्याशी निर्दलीय चुने गए थे बाद में एक निर्दलीय उम्मीदवार आम आदमी पार्टी में शामिल हो गया और वहीं एक अन्य निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो गया अब दिल्ली नगर निगम में सिर्फ एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं जबसे 10 मनोनीत सदस्यों को सेंट्रल सिविल लाइंस और नरेला जोन में तैनात किया गया है चुनावों में भाजपा का बहुमत 4 से 7 जून तक बढ़ गया है एल्डरमैन की तैनाती के बाद 8 जोन में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला था वह घटकर अब दिन हो गया है

मनोनीत सदस्य का नहीं होगा मतदान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थाई समिति के 6 सदस्यों के चुनाव में दिल्ली नगर निगम के मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकेंगे वहीं भारतीय जनता पार्टी ने स्थाई समिति के लिए 3 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है और सभी को जिताने के लिए उसे अपने सभी पार्षदों के अलावा तीन अतिरिक्त वोटों की जरूरत है किसी सदस्य को स्थाई समिति में स्थान पाने के लिए 36 मतों की जरूरत होती है 105 सदस्यों वाली भाजपा को जीत अपने तीनों सदस्यों को समिति में चुने जाने के लिए 108 पार्षद चाहिए।

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