पन्ना। लाॅक डाउन के चलते कामकाज बंद होने से दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों के भरण पोषण में संकट देखा जा रहा है, शायद इसी वजह से परिवारिक विवादों में भी बढ़ोतरी और आत्महत्या जैसे मामले बढ़ रहे हैं। ताजा मामला जिला मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत पुरुषोत्तमपुर के वार्ड नं- 01 टगरा का है जहां किराए के कमरे में रहने वाली रश्मि रैकवार पति राघवेंद्र एक बार ने तंगहाली और परिवारिक झगड़े से मुक्ति के लिए अपने 7 माह के मासूम बच्चे को रोते बिलखते छोड़ कर फांसी के फंदे पर झूल गई, जब तक महिला का पति एवं मां और मोहल्ले के लोग कुछ समझ पाते महिला के प्राण पखेरू उड़ चुके थे, सूचना पर सिविल लाइन चौकी प्रभारी अभिषेक पाण्डेय और पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा उपरांत शव को पीएम के लिए भेजा, 20 मई को पीएम उपरांत अंतिम संस्कार की तैयारी की गई पर मृतिका के पति राघवेन्द्र रैकवार और मां कमला रैकवार के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे, सरपंच और सचिव से मदद मांगने पर इंकार का सामना करना पड़ा, कुछ लोगों द्वारा यह जानकारी, तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी और पत्रकार संजय सिंह राजपूत को दी गई।
सूचना पाते ही पहुंचाई मदद
मृतिका के परिजनों की समस्या को गंभीरत से लेते हुये तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी, आर.आई. जे.पी. रावत, पत्रकार संजय सिंह राजपूत, भानु प्रसाद गुप्ता, आशिक खान, इदरीश मोहम्मद, संदीप पाण्डेय, राजेन्द्र लोधी एवं मनीष सारस्वत ने 5-5 सौ रुपये सहायता स्वरूप कुल 4 हजार रुपये मृतिका की मां को सौंप कर जरूरत पड़ने पर और सहयोग का आस्वाशन दिया वहीं तहसीलदार ने शासन की योजना के तहत लाभ दिलाने की बात कही, इस दौरान अधिकारियों पत्रकारों के साथ तमाम स्थानीय निवासी मौजूद रहे। लोगों ने बताया कि मृतिका की मां को उसके पति ने छोड़ रखा है, जिससे वह अपने मायके में किराए पर रह कर बर्तन मांज कर गुजारा करती है, जो लाॅग डाउन की वजह से बंद चल रहा था मृतका के घर की हालत खराब होने पर वह लाॅग डाउन के बाद अपनी मां पर आश्रित थी, पति जरा-जरा सी बात पर झगड़ा करता रहता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
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