दुबारा फिर जली केवल करंट फैलने के हल्ले से लोगों में फिर मची भगदड़, पहली मर्तबा करंट फैलने के दौरान मंदिर परिसर में करंट फैलने से 56 लोग हुए प्रभावित देखिए प्रभावितों की सूची

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देवतालाब (kundeshwartimes)- पहली बार करंट की घटना के बाद स्थिति जैसे ही सामान हुई लोगों के द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाने लगा तो लगभग 4:40 बजे के आसपास पुनः बिजली विभाग द्वारा लगाई गई केवल जलने लगी जिससे एक बार फिर करंट फैलने का हल्ला मंदिर परिसर में फैल गया एवं लोगों में अफरा-तफरी मच गई इस दौरान किसी के भी हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है बादल पुलिस ने मौके की स्थिति को संभाल लिया एवं बिजली विभाग के उपस्थित कर्मचारियों ने बिजली बंद करके सुधार कार्य प्रारंभ कर दिया है

पहली बार लगभग 11:30 बजे पहले करंट में घायल हुए लोगों की सूची

विंध्य क्षेत्र के पावन तीर्थ स्थल जो तालाब में चल रहे पुरुषोत्तम मास मेले के दौरान सोमवार 31 जुलाई 2023 को लगभग दिन के 11:30 पर मंदिर के बैरिकेडिंग में केवल टूट कर गिर जाने से करंट फैल गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जो लाइन में लगे हुए थे भगवान को जल चढ़ाने के लिए वह करंट की चपेट में आ गए और चारों और भगदड़ सी मच गई इस दौरान भगदड़ में कई लोग घायल हुए जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 57 लोग इस घटना के शिकार हुए हैं जिनका उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवतालाब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊगंज निरंतर जारी है सभी की हालत में काफी सुधार है एवं कोई भी घायल व्यक्ति गंभीर अवस्था में नहीं बताया गया है घायल व्यक्तियों की सूची इस प्रकार है।

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने संभाला मोर्चा

घटना के तुरंत बाद ही जैसे भगदड़ मची और स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग को जानकारी मिली तो मौके पर और थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवतालाब के डॉक्टर तान्या सिंह डॉक्टर अर्पिता सिंह स्वतंत्र मिश्रा फूलचंद मिश्रा विजय सिंह चंदेल डॉक्टर सुधीर सिंह चंदेल डॉक्टर जागृति सिंह चंदेल आदि ने पहुंचकर घटना में प्रभावित हुए लोगों का प्राथमिक उपचार करते हुए एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें चिकित्सालय भिजवाया जहां उनका उपचार जारी है एवं सभी को सामान्य स्थिति में बताया जा रहा है।

चोंंगा की व्यवस्था हुई वरदान साबित

शिव मंदिर देवतालाब में बढ़ती हुई भीड़ को देखकर विधानसभा अध्यक्ष महोदय एवं प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार मंदिर के बाहर मुख्य द्वार पर चोंग लगाकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने की व्यवस्था की गई है कतिपय लोगों द्वारा इस व्यवस्था का विरोध भी किया गया परंतु आज यही व्यवस्था वरदान साबित हुई क्योंकि यदि चोंगा नहीं लगा होता तो सैकड़ों लोग मंदिर के अंदर जल चढ़ाने के लिए होते और जब करंट फैला उस समय भगदड़ में इस व्यवस्था के ना होने से पता नहीं कितनी क्षति होती जबकि चोंगा होने के कारण लोग जल्दी से बाहर निकलने में सफल रहे कई लोगों ने इस व्यवस्था की प्रशंसा की है।

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