ओरछा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा राम राजा सरकार की नगरी मे सर्वप्रथम उनके चरणों मे वंदन और आप सबको मेरी तरफ से प्रणाम और स्वागत है।
उन्होने कहा ओरछा की बेतवा और जामरी नदी पर मुख्यमंत्री जी ने पुल बनाने हेतु मंजूरी दे दी है। उन्होने कहा आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, आज के ही दिन पुष्य नक्षत्र मे महारानी गनेश कुंवर राम जी को अयोध्या से ओरछा लायी थी, आज के ही दिन नमस्ते ओरछा का शुभांरभ हो रहा है, यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं।
उन्होने कहा नमस्ते ओरछा उत्सव की शुरूआत से ओरछा में नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होने कहा आने वाले समय मे हमें ओरछा एक समृद्ध, सफल आइना दिखा रहा है,
यह तीव्र गति से बदलाव की ओर अग्रसर हो रहा है, आने वाले कुछ समय में ओरछा की तकदीर बदल जायेगी। उन्होने संस्कृति विभाग की मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ का स्वागत करते हुये आभार जाताया।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री डाँ विजय लक्ष्मी साधौ ने अपने संबोधन मे विभाग की तरफ से सबका स्वागत किया। डॉ साधौ ने कहा मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का नमस्ते ओरछा एक स्वप्न था, जो आज साकार हो रहा हैं।
उन्होने कहा मध्यप्रदेश की पुरातत्व आदि की धरोहर को दुनिया मे दिखाया जायें, जिससे लोग मध्यप्रदेश मे आयें। उन्होने कहा मध्यप्रदेश विभिन्न भाषाओं का प्रदेश है, यहा बहुत भाषाए बोली जाती हैं।
इसके पूर्व मुख्य सचिव श्री् सुधि रंजन मोहंती ने कहा ओरछा मे एक तिहाई टुरिस्ट विदेशी होते हैं, बल्कि मध्यप्रदेश मे जितने टुरिस्ट विदेशी आते हैं उनमें से केवल एक तिहाई ओरछा आते हैं।
उन्होने कहा मध्यप्रदेश के लोगों को ओरछा के बारे में जानकारी कम हैं, यहाँ पर राम राजा मंदिर, रिवर राफ्टिंग, 84 आरकेलॉजिकल बिल्डिंग्स आदि चीजे ओरछा मे प्रसिद्ध हैं।
श्री मोहंती ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने ये तय किया है कि ओरछा शहर के पर्यटन के महत्व के बारे मे प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने निर्देश दिये सभी विभाग मिलकर ओरछा मे एक फेस्टिवल के माध्यम से यहाँ पर्यटन का विस्तार किया जाये।
श्री मोहंती ने कहा राम राजा मंदिर को भव्य रूप देने के लिए एक विस्तृत प्लान तैयार हो चुका हैं, आगामी दिनों मे फलीभूत होते देखेगें। मुझे यहां आते हुये बहुत गर्व महसूस हो रहा है, साथ ही आप सबका स्वागत करते हुये भी।
कार्यक्रम के औपचारिक उदघाटन के पश्चात भगवान श्रीराम के अयोध्या से ओरछा आगमन, रानी कुंवर गनेश की कथा की थ्री-डी प्रस्तुति की गई।
सांस्कृतिक संध्या में सद्या ग्रुप की नृत्य प्रस्तुति, क्लिंटन के म्यूजिक शो सहित आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुये। नमस्ते ओरछा के उपलक्ष में पूरी ओरछा नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। चतुर्भुज मंदिर तथा बेतवा नदी के किनारे बनी छतरियां विद्युत प्रकाश से आलोकित हो रही हैं।
कार्यक्रम में भाग लेने आये देशी-विदेशी पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण से अवगत कराने के लिये नेचर वॉक, योग, हैरिटेज साईकिलिंग
जैसे कार्यक्रम 7 मार्च को प्रातः आयोजित किये गये हैं। पर्यटक अभ्यारण्य में वन्यजीव देख सकें इसकी व्यवस्था भी की गई है। 7 मार्च की शाम को कंचना घाट पर माँ बेतवा नदी की महाआरती का कार्यक्रम रखा गया है।
यहीं पर प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका सुश्री शुभा मुदगल का गायन होगा तथा ओरछा में करीब लगे करीब पांच सौ वर्ष पुराने कल्प वृक्ष (बाओवॉव ट्री) के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी जायेगी। इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया गया है।