राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समग्रता और प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए चित्रकूट संकल्प पारित
चित्रकूट 27 फरवरी 2022/ नानाजी देशमुख की 12 वीं पुण्यतिथि पर उनके शैक्षिक चिंतन पर आयोजित नानाजी की दृष्टि में राष्ट्र निर्माण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी और पूर्ण रुप से लागू करने के लिए पंच सूत्रीय संकल्प के साथ हुआ।
समापन सत्र की अध्यक्षता मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने की। संतोषी अखाड़ा के महंत राम जी दास मार्गदर्शक उत्प्रेरक के रूप में उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश शासन के वन एवं सतना जिले के प्रभारी मंत्री विजय शाह , कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल, खजुराहो से सांसद और मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बी डी शर्मा, सतना के सांसद गणेश सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर भरत मिश्रा, पूर्व कुलपति एवं संगोष्ठी के संयोजक प्रो नरेश चंद्र गौतम, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन एवं संगठन सचिव अभय महाजन मंच पर उपस्थित रहे। सभी विशिष्ट जनों ने नाना जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व पर अपने-अपने क्षेत्रों में समाज और राष्ट्र के कार्य करने का आह्वान किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि बहुत वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह महत्वपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 बनी है। अब यह हम सब के ऊपर है कि हम सब दृढ़ता से और परिपूर्ण रूप में लागू करें। यदि हम पीछे रह जाते हैं तो हमें पहले की तरह शिक्षा नीतियों को अपनी समस्याओं के लिए दोषी ठहराने का आधार नहीं रह जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने किसानों की समृद्धि के लिए राज्य सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि किसानों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों से कृषि उत्पादकता को जोड़ कर हम अनेक प्रयास कर रहे हैं।
सतना जिले के प्रभारी मंत्री कुंवर विजय शाह ने चित्रकूट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा, सस्ता और स्वास्थ्य कर भोजन तथा सुरम्य वातावरण देने के लिए सरकार अनेक परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा कि गांव के समग्र विकास के बारे में जो नाना जी का चिंतन था उसे पूरे देश में पहुंचाने का प्रयत्न होना चाहिए।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक एक ही दस्तावेज बनाया गया है, जिससे पूरी नीति में संपूर्ण शैक्षिक परिदृश्य के बारे में एकरूपता दिखती हैं।
खजुराहो के सांसद और मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि नानाजी के ग्रामीण विकास के चित्रकूट मॉडल को पूरे देश में फैलाने की जरूरत है। अलग-अलग संस्थाएं और सरकारें इस दिशा में कार्य करें तो शीघ्र ही परिणाम मिलेंगे।
*भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा ने कृषि शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव की चर्चा करते हुए सरकार के कार्यों की सराहना की।
संतोषी अखाड़ा के महंत राम जी दास महाराज ने नाना जी को एक आध्यात्मिक विभूति निरूपित किया और उनके बताए रास्ते पर चलने की सीख दी।
सतना के सांसद गणेश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर यह वैचारिक मंथन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके प्रभावी क्रियान्वयन से आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का जो वातावरण बनेगा उसे उद्यमिता का भाव प्रोत्साहित होगा।
संगोष्ठी के समापन सत्र का प्रारंभ नानाजी के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संगोष्ठी संयोजक एवं पूर्व कुलपति प्रो एनसी गौतम ने संगोष्ठी के निष्कर्ष के रूप में चित्रकूट संकल्प पत्र प्रस्तुत किया। दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने स्वागत भाषण दिया। संगठन सचिव अभय महाजन ने आभार व्यक्त किया। संचालन महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ ने किया। अतिथियों को ग्रामोदय विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो भरत मिश्रा एवं दीनदयाल शोध संस्थान की ओर से उपाध्यक्ष निखिल मुण्डले ने प्रतीक चिन्ह एवं समग्र साहित्य भेंट किया। ज्ञातव्य है कि यह संगोष्ठी दीनदयाल शोध संस्थान और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।