दमोह – पटेरा जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरी रतन में जमके। भ्रष्टाचार चल रहा है भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है ग्राम पंचायत में परलोकेशन टेन्क , कन्टू टेन्च , खकरी निर्माण मैं बहुत ही भ्रष्टाचार किया जा रहा है क्योंकि पर खकरी निर्माण , कन्टू टेन्च में 139 मजदूर मजदूरी कर रहे हैं लेकिन मौके स्थल पर एक भी मजदूर मजदूरी नहीं कर रहा है फर्जी डिमांड डालकर मजदूरों के नाम पर निकाली जा रही है राशि, सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक मौका का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि इनको द्वारा सरपंच बनना ही नहीं है इस कारण सरपंच भ्रष्टाचार में कहीं कसर नहीं छोड़ रहे हैं ग्राम पंचायत में जो विकास कार्य हो रहे हैं उनकी राशि लगातार आयरन की जा रही है लेकिन जेसीबी एवं अन्य मशीनों से काम करवाए जा रहे हैं जो मनरेगा योजना के तहत कार्य किए जा रहे हैं ग्राम पंचायत में मजदूरों का उपयोग उनके खातों में पैसे डाल कर उनके फिंगर लगवा कर पैसे निकालने का कार्य है लेकिन इनमें से भी कई मजदूर ऐसे हैं जिन्हें पता नहीं है उनका खाता कहां खुला है और किस बैंक में खुला है लेकिन उनके नाम से लगातार मजदूरी मस्टर डाले जा रहे हैं और राशि निकाली जा रही है कई खाताधारक के सिर्फ नाम है लेकिन खाता नंबर किसी और व्यक्ति के हैं ऐसे कियोस्क बैंक के संचालक द्वारा खाते खोले जा रहे हैं कुछ खाते फिनो बैंक के द्वारा भी खोले गए हैं जिनमें खाते धारक को पता नहीं है उसका खाता कब खुला और कहां खुला इन खातों के माध्यम से ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत से उनकी राशि को निकाला जाता है और भ्रष्टाचार किया जाता है अगर ग्राम पंचायत के मजदूरों की जांच करवाई जाए तो कई मजदूर ऐसे मिलेंगे कि जिन्होंने कभी काम किया ही नहीं है ना ही उन्हें पता है कि खाता उनका मजदुरी में चल रहा है ग्राम पंचायत में सरपंच द्वारा ठेकेदारी पर कार्य करवाया जा रहा है ग्राम पंचायत के सचिव मुख्यालय पर नहीं रहते जिससे ग्रामीणों को लगातार परेशानी जा रही है कई निर्माण कार्य ऐसे हैं कि कागजों पर हैं कई निर्माण कार्य ऐसे हैं कि वन भूमि पर किये हुए हैं लेकिन उस पर वन विभाग भी कार्यवाही नहीं कर रहा है लेकिन ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत निर्माण में जम के भ्रष्टाचार किया गया है गाइडलाइन के अनुसार निर्माण नहीं किया जा रहा है वही मौका स्थल पर एक भी मजदूर कार्य नहीं कर रहा है सिर्फ मास्टरों में डिमांड डाली जा रही है
इस संबंध में अधिकारियों से बात करना उचित नहीं समझा क्योंकि उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जाता और कोई कार्यवाही नहीं की जाती अब देखना है कि जनपद पंचायत पटेरा के अधिकारियों के द्वारा क्या कार्यवाही होती