शिवपुरी(kundeshwartimes)- विशेष न्यायाधीश एमपीडीपीके एक्ट (मप्र दस्यु अधिनियम) विवेक पटेल ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में गतवाया के जंगल में फायरिंग कर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के प्रयास के मामले में महिला डकैत चंदा गडरिया, उसके पति सहित छह डकैतों को 10-10 साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले सहायक लोक अभियोजक संजय शर्मा के अनुसार 21 दिसंबर 2015 को चंदन गडरिया गैंग के सदस्य अपहृत सीताराम जाट को लेकर जतवाया रोड के आसपास जंगल में देखे गए थे। सूचना पर एसआइ रवींद्र सिकरवार, बृजमोहन रावत, देवेंद्र कुशवाह व विकास यादव के निर्देशन में चार टीमों ने घेराबंदी कर रात करीब 10:30 बजे गिरोह को सरेंडर के लिए ललकारा।गिरोह में शामिल डकैतों ने पुलिस पर फायर करना शुरू कर दिया। करीब ढाई घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद डकैत अपहृत सीताराम को छोड़कर भाग गए।
इस मामले में पुलिस चंदन गडरिया गिरोह के सदस्य महिला डकैत चंदा पुत्री विजयराम गडरिया उम्र 28 साल निवासी गुर्जा थाना मायापुर, राजाराम पुत्र नंदराम गडरिया उम्र 31 साल निवासी गुर्जा थाना मायापुर, कल्लू पुत्र धनीराम पाल उम्र 38 साल निवासी बंडोरा थाना पिछोर, बलवीर पुत्र परसुराम पाल उम्र 41 साल निवासी लोटना थाना भौंती, मोहन सिंह पुत्र अमन सिंह लोधी उम्र 41 साल निवासी जुंगीपुरा मामौनीखुर्द थाना अमोला, भोजा उर्फ भुजबल पाल उम्र 35 साल निवासी सुनाज के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराओं में प्रकरण कायम किया। पुलिस ने बाद में इन सभी को गिरफ्तार कर लिया। चंदा ने डेढ़ साल पूर्व साथी भोजा डकैत से शादी कर ली थी। इस समय वह गर्भवती भी है।
अपहरण के मामले में हो गए थे रिहा
प्रकरण में गिरोह के खिलाफ सीताराम जाट के अपहरण का प्रकरण कायम किया गया था, पर न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपहृत के पक्ष विरोधी हो जाने के कारण गिरोह के सभी सदस्य रिहा हो गए थे। चूंकि, पुलिस पर हत्या के प्रयास के मामले में उन्हें पूर्व में ही जमानत मिल चुकी थी, ऐसे में सभी डकैत जेल से बाहर थे। न्यायालय द्वारा सजा सुनाए जाने के उपरांत सभी डकैतों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।