सिविल सोसायटी ने प्रायमरी स्कूल में सबमर्सिबल लगवाया
दमोह। प्रदेश के कुछ क्षेत्र आज भी ऐसे है जहां बर्षो से पेयजल की समस्या है,जिसका शासन प्रशासन जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई समाधान नहीं खोजा है। ग्रामीण अंचलों में अभी भी प्राथमिक सुविधाएं कम मात्रा में है छोटे बच्चों को यहां की पाठ शालाओं में पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। परंतु कुछ स्वंय सेवी संस्था जैसे सिविल सोसायटी से जुड़े कुछ लोग व्यक्तिगत तौर पर भी मददगार साबित होते रहे है।
ऐसी ही सेवा भावना का प्रयास किया शहर की सिविल सोसायटी ने ,और अब गांवों में जाकर स्कूल में सुविधा मुहैया करा रहे है, नोहटा ग्राम के प्राथमिक विद्यालय तरी में बच्चों को पेयजल की असुविधा न हो इसलिये सबमर्सिबल लगा कर पानी उपलब्ध करवा दिया,जिसकी खुशी शिक्षकों,पालको और बच्चों में देखी गई।स्कूल के छात्र दीक्षा, रीना,राबिया,आलिया, सोहेल ने बताया कि हम सब पानी की बचत करेंगे,पौधों को पानी देंगे,अब घर से पानी नहीं लाना पड़ेगा। इस अवसर पर सिविल सोसायटी की तरफ से राजकमल डेविड लाल, धर्मेंद्र राय बेबाक, अंकुश टिंकी, आलोक असाटी, सोनू तिवारी, जगजीत गांधी, एन एस ठाकुर, डॉ सुमन, शशांक, सुरेंद्र राय अरुण दुबे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
स्कूल शिक्षक ताहिर खान का कहना है मारे स्कूल के लिये यह बहुत बड़ी उपलब्धि है,सिविल सोसाइटी ने पेयजल की व्यवस्था कर बच्चों को खुशी प्रदान कर दी सिविल सोसायटी से जुड़े धर्मेन्द्र राय का कहना है कि ये काम शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के है..पर हम कब तक उनकी राह देखते रहें.. हुआ ये की बेबाक बात की भेंटवार्ता के दौरान नोहटा तरी स्कूल के शिक्षक आये थे बात चीत में उन्होंने बताया कि हमारे 5 वी तक के बच्चो के लिए स्कूल में एक हेण्डपम्प लगा हुआ है जिसका पानी बहुत ही खारा आता है जो पीने लायक नही है…यदि जनभागीदारी से कोई संस्था मदद कर दे तो एक दूसरा बोर है जिसका पानी मीठा है उसमें सबमर्सिबल लग जाये तो बच्चो को मदद हो जाएगी.. हमने काफी प्रयास किये नेताओ अधिकारियों से बात की पर कुछ बना नही..फिर हमारी सिविल सोसायटी है जो ऐसे जनहित के काम मिलजुल कर आपस मे सहयोग राशि कलेक्ट करके करती रहती है हमने उधर ये बात रखी ..हमारे सभी मित्र तैयार हो गए और सबमर्सिबल की राशि इकट्ठी हो गयी उसी से आज नोहटा के तरी गांव में सबमर्सिबल लगवा दिया है.. सिविल सोसायटी के सेवाभावी प्रयासों को बहुत बहुत साधुवाद