प्रोटोकॉल की सूची में शामिल होंगे पूर्व विधायक, मिलेंगी कई और सुविधाएं, विधानसभा अध्यक्ष ने किया ऐलान

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भोपाल (कुंडेश्वर टाइम्स)- प्रदेश की राजधानी भोपाल आने पर अब पूर्व विधायकों को कुछ दिन रुकने के लिए आवास की व्यवस्था में भटकना नहीं पड़ेगा. पूर्व विधायकों के लिए विधानसभा आवास में 25 कमरे रिजर्व रहेंगे. इनमें 6 दिन तक पूर्व विधायक मुफ्त रह सकेंगे. विधानसभा में आयोजित पूर्व विधायकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने पूर्व विधायकों को कई सुविधाएं दिए जाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार से भी अनुरोध किया है कि पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी की जाए.

विस में आचरण को लेकर जताई चिंता

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा की गिरते महत्व और विधायकों के विधानसभा में आचरण को लेकर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमें विचार करना चाहिए कि पहले जब विधायक विधानसभा में सवाल लगाते थे, तो क्षेत्र में हड़कंप मच जाता था. आखिर अब ऐसा क्यों नहीं होता.

पूर्व विधायकों को मिलेंगे यह सुविधाएं

पूर्व विधायकों को भी प्रोटोकॉल की सूची में दर्ज किया जाएगा. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है.

ट्रेन के सेकेंड एसी में दो टिकट मिलते हैं. इसे फर्स्ट एसी का टिकट किया जाएगा.

मध्य प्रदेश भवन में पूर्व विधायकों को संविधान मिले. इसको लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है

पूर्व विधायकों को पेंशन की व्यवस्था कराने की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर सरकार से बात हुई है. इस पर सैद्धांतिक सहमति मिली है. उम्मीद है इस पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी.

विधानसभा की स्तर पर पूर्व विधायकों को मुफ्त में 6 दिन तक आवास की सुविधा मिलेगी. सुबह का नाश्ता भी मिलेगा

कमरे की उपलब्धता न होने पर 25 कमरे पूर्व विधायकों के लिए आरक्षित रहेंगे. इसमें से पांच कमरे महिला पूर्व विधायकों के लिए रहेंगे. कई बार देखा गया कि कमरा उपलब्ध न होने पर पूर्व विधायक बरामदे में सोते थे.

भूतपूर्व विधायक होने के बाद उनका महत्व खत्म नहीं हो जाता, इसलिए तय किया गया है कि यदि आपकी कोई व्यक्तिगत समस्या हो तो उसके लिए जिम्मेदार विधानसभा अध्यक्ष है. आप सीधे विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

पूर्व विधायक सिर्फ विधानसभा में कूपन लेने जाना पड़ता है. तय किया गया है कि छुट्टी के दिन भी विधानसभा का आरक्षण सेंटर खुला रहेगा और कूपन सेंटर भी खुला रहेगा. कई बार अवकाश होने की स्थिति में पूर्व विधायकों को परेशान होना पड़ता है.

विधानसभा अध्यक्ष ने दी नसीहत

पूर्व विधायकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि पहले जब विधायक सवाल लगाते थे तो उसके बाद ही प्रशासन में हड़कंप मच जाता था, लेकिन अब सवाल समाचार देख कर लगाए जाते हैं. आज विधायक पक्ष-विपक्ष हो गए हैं. प्रशासन को सब जानते हैं. उसके सामने जब हम पार्टी बनकर खड़े होते हैं, तो प्रशासन क्या करता है सब जानते हैं

पूर्व विधायकों ने कहा प्रशासन नहीं करता सुनवाई

पूर्व विधायक जसवंत सिंह ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विधानसभा अध्यक्ष ने हम सभी पूर्व सीनियर विधायकों का सम्मान किया है. पूर्व विधायकों को सालों बाद अपना दुख दर्द सुनाने का मौका मिला है. पहली बार हमारे दुख दर्द को सुनने का मौका दिया गया है. सरकारी नौकरी तो शुरुआत के कुछ साल मेहनत करने के बाद मिल जाती है, लेकिन राजनीति में शुरुआत से प्रयास करते हैं और यदि टिकट मिल गया और जीत कर आ गए तब तो ठीक है, नहीं तो धरती पकड़ रह जाते हैं. नेता को एक या दो बार विधायक बनने का मौका मिलता है लेकिन उसे जनता से संबंध पूरी जिंदगी निभाना पड़ते हैं. विधायकों को इतना तो मिले ताकि वह जनता में अपने संबंधों को निभा सके.

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