बटियागढ भिलौनी गौशाला में पड़े हैं भूखे प्यासे गोवंशों के कंकाल, जिम्मेदार अधिकारी मोन /कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह – बटियागढ़ – एक तरफ गायों को घी-गुड़ खिलाकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया जाता है वहीं दूसरी तरफ एक गोशाला स्थल में भूखी प्यासी गाय दम तोड़ रही हैं, और तो और उनके मृत शरीर को दफनाया भी नहीं जा रहा। गो सेवा का दम भरने वाले कंकाल में बदल चुके उनके शरीर पर भी दया भाव नहीं दिखा रहे। चील कौवे उनकी खाल नोंच रहे, उनका शरीर गोशाला स्थल में ही पड़े-पड़े मिट्टी में सड़-गल रहा है। ये मामला है, बटियागढ़ जनपद के अंतर्गत भिलोनी गांव का है जहां पर गौशाला में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है यह गौशाला अनुराग स्वसहायता समूह के द्वारा संचालित की जा रही है सबसे बड़ी बात तो है कि इस गौशाला में सरपंच के परिजनों को ही स्व सहायता समूह का कार्यभार सौंपा गया है

लेकिन सरकार के सरकारी दावे हवा में नजर आ रहे हैं। गोशाला में चारे- पानी की व्यवस्था भी नहीं है। वहां मिट्टी में गोवंशों के कंकाल बिखरे हैं। जबकि वहां अन्य गोवंश भी रखे गए हैं।प्रदेश सरकार द्वारा गोवंश को आश्रय एवं संरक्षण देने के लिए व्यापक पैमाने पर गोशालाओं का निर्माण कराकर गोवंश को संरक्षित करने का निर्णय लिया है लेकिन उसका अनुपालन होता नहीं दिख रहा है। इसका उदाहरण है गौशाला में जिम्मेदार लगभग 100 गोवंशों को आश्रय देने के दावे कर रहे हैं लेकिन गोशाला के स्थलीय निरीक्षण में उनके चारे-पानी व चिकित्सीय परीक्षण की कोई स्थायी व्यवस्था नजर नहीं आती है। गंदा युक्त पानी पीने और सूखा भूसा खाने को विवश हैं।

एक पशु चिकित्सक पशुओं को देखने तो आते हैं लेकिन बीमार गोवंशों को उचित चिकित्सीय परीक्षण नहीं मिलता, इससे कई दम तोड़ देते हैं।गोशाला में कई गोवंशों के कंकाल पड़े हुए हैं जिन पर चील और कौवे मंडराते रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जो गोवंश जहां मर जाता है उसे कहीं भी ले जाने की व्यवस्था नहीं करते है। अत: वह वहीं पर वह सड़ गल कर मिट्टी में मिल जाते हैं।

ग्राम पंचायत भिलोनी के गो सेवा मे चपरासी गौतम अठया ने बताया कि हमको 4 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है हमारा पूरा परिवार गौशाला के हैं रहता है जब इस संबंध में सरपंच से बोलते हैं तो बोल देते हैं कि अभी तनख्वाह आई नहीं है मिल जाएगी और गौतम अठया ने बताया कि पहले 100 नंग गाय थी अब लगभग 60 गाय बची हुई हैं और इसी तरह है कुछ गायों के कंगाल वहां पर पढ़े हुए हैं उनको दफनाया नहीं गया जबकि शासन लाखों रुपए खर्च करके गौशाला बनवा रही है ताकि आवारा गाय और गौशाला में गौ माता की सेवा हो सके लेकिन समूह संचालक एवं सचिव सरपंच एवं वरिष्ठ अधिकारियों की नादानी समझ में आ रही है

जब इस संबंध में कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य जी से बात की तो उनका कहना है कि अगर ऐसा है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी

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