आधा दर्जन से अधिक बसे जलकर खाक.. हादसा या साजिश फिलहाल नहीं लग सका कोई सुराग.. अरिहंत ट्रेवल्स की 3, नाजिस ट्रेवस की दो, गॉड गिफ्ट ट्रेवल्स तथा जैन बस सर्विस की एक एक बस जलकर हुई कबाड़..
दमोह। विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में उलझे दमोह जिला मुख्यालय पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की आम सभा के ठीक पहले रात दो बजे बस स्टैंड क्षेत्र में आग का तांडव देखने को मिला है। प्राइवेट बस स्टैंड पर खड़ी रहने वाली यात्री बसों में एक-एक करके आग भड़कने और देखते ही देखते आधा दर्जन से अधिक बसों के जलकर खाक हो जाने के घटनाक्रम ने बस स्टैंड सहित शहर के सुरक्षा हालातों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है..
दमोह के प्राइवेट बस स्टैंड पर हमेशा की तरह पचासों बसें रात्रि में खड़े होने के बाद सुबह गन्तव्य की और रवाना होती है। रात करीब दो बजे यहा पर एक बस के पीछे के हिस्से में आग की खबर एक चाय वाले ने पुलिस गश्त जवान को दी। जिसके बाद कोतवाली पुलिस और कंट्रोल रूम तक सूचना पहुंचने के बाद जब तक फायर बिग्रेड मौके पर पहुंचती तब तक आधा दर्जन से अधिक बसों में आग फैल चुकी थी। इसके बाद आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड से पानी की बौछार शुरू की गई करीब दो घण्टे की मशक्कत के बाद जब आग पर काबू पाया गया तब तक 7 बसे पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी। जब कि चार बसो को मामूली नुकसान पहुंचा है। वही आसपास खड़ी अन्य बसों को वहां से हटा लिए जाने के कारण यह बसे बच गई।
आग से जलकर खाक हुई बसों में अरिहंत ट्रेवल्स की 3 बस, रिंकू खान नाजिस ट्रेवस की दो बस, समीर कुरैशी गॉड गिफ्ट ट्रेवल्स की एक बस तथा जैन बस सर्विस राजकुमार जैन की एक बस जैन शामिल बताई गई है। घटना की जानकारी लगते ही सीएसपी अभिषेक तिवारी कोतवाली टीआई एचआर पांडे मगरोन थाना प्रभारी अभिषेक यादव सहित स्थानीय पुलिस के जवान मोर्चा संभालेे रहे तथा आग को आगे को बढ़ने और फैलने से रोकने के लिए रणनीति अख्तियार करते रहे। जिस वजह से आग बेकाबूू होने के बाद आसपाास के क्षेत्र में नहीं बढ़ सकी मामले में सीएससी अभिषेक तिवाारी का कहना है आग पर काबूू पा लिया गया है तथा जांच के बाद आगजनी की वजह का पता लगने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि यह आग किसी हादसे की वजह से भड़की या फिर किसी की साजिश थी इसको लेकर संशय की एक बजह इस आगजनी की शिकार बसों में शामिल बसों में उस बस मालिक की 2 बसे भी शामिल है जिसके ऊपर पिछले दिनों इंदौर से चोरी की बस लाकर रंग पेंट कराकर चलवाने और बाद में कोतवाली पुलिस द्वारा चोरी की उपरोक्त बस को पकड़कर कोतवाली में खड़े करवाने के बाद मामले में कार्रवाई के बजाय राजीनामें की कोशिशें कराए जाने के आरोप सामने आए थे।
वही कुछ अन्य बस मालिकों के बीच टाइमिंग व परमिट को लेकर आपस में विवाद की स्थिति भी पूर्व में सामने आती रही है। इधर दमोह चुनाव की बेला में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आगमन के पूर्व सामने आए आगजनी के इस भीषण घटनाक्रम के जरिए कहीं किसी की अशांति फैलाने की साजिश तो नहीं थी इसको लेकर भी लोगो के जेहन में सवाल उठना लाजमी है।
ऐसे में आवश्यक हो गया है कि आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराकर पुलिस दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए कार्यवाही करके आगजनी की वजह सामने लाए। जिससे इस तरह की घटना दोबारा ना हो सके। दमोह के इतिहास में यह पहला मौका है जब रात्रि मेंं खड़ी रहने वाली बसों को आगजनी का शिकार होना करना पड़ा है।