यात्रा कुछ दिनों के लिए स्थगित
झाबुआ/थांदला। शुक्रवार शाम 5 से 5:30 बजे के मध्य अचानक बाबा अमरनाथ गुफा के निकट ही बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई देने लगा है। कुछ लंगरों को भारी नुकसान हुआ है वही गुफा के ठीक सामने लगे टेंटों जिसमें भी 8-10 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था रहती है, तेज बहाव में दर्जनों टेंट भी बह गए है। फिलहाल रेस्क्यू जारी है वही यात्रा भी कुछ समय के लिए रोक दी गई है।
दर्जनों मरे अनेक घायल – 6 फुट तक जमा हो गया मलबा
अचानक हुई इस दुर्घटना में दर्जनों लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है जो देश के अनेक हिस्सों के हो सकते है। वही सैकड़ों घायल भी हुए है जो यात्रा के दौरान भी फिसलन का शिकार हुए है। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं जो यात्रियों का रेस्क्यू कर रही है वही लापता लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। लेकिन काम थोड़ा मुश्किल है क्योंकि मलबा करीब 6 फिट तक जमा हो चुका है जो दोनों ही मार्ग में भी जमा हो गया है। अमरनाथ हादसा स्थल पर शनिवार को पहुंचे जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि मलबे को साफ किया जा रहा है। मलबा हटने के बाद ही मृतकों की सही संख्या का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के खतरे को देखते हुए इस बार सभी यात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड दिए गए हैं। इससे जुड़ा डाटा भी देखा जा रहा है।
झाबुआ ज़िलें से अनेक यात्री भी वहाँ थे मौजूद – सभी सुरक्षित
झाबुआ ज़िलें से यात्रा को गये अनेक श्रद्धालु उस समय बाबा की गुफा के निकट ही मौजूद थे लेकिन सभी सुरक्षित है। जानकारी देते हुए भोला भण्डारा परिवार के संचालक सदस्य पवन नाहर ने बताया की उनके साथ थांदला रोड़ नव निर्वाचित सरपंच रूपसिंग सिंगाड, सोहनलाल परमार, पं. हेमेंद्र गिरी, मनीष वाघेला, भरतसिंह चौहान, रमेश बामनिया, नरसिंग अमलियार, कन्हैया चोपड़ा आदि 9 सदस्य साथ मे थे जो उसी समय करीब 3 बजे बाबा के दर्शन कर बालटाल के मार्ग से लौट रहे थे तभी बिजली के साथ तेज आवाज सुनाई दी वही मार्ग में बारिश भी होने लगी। कुछ समय के बाद नीचे नदी में तेज बहाव के साथ कुछ सामान जाते दिखाई देने लगे। ज़िलें के थांदला के महेश नागर व नीरज सौलंकी सहित 21 सदस्य भी बाबा के दर्शन कर प्रातः ही बालटाल मार्ग से लौट गए थे। भोलें भण्डारा परिवार के 50 से ज्यादा सदस्य एक दिन पूर्व ही यात्रा कर सकुशल लौट चुके थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ज़िलें के सभी यात्री सकुशल है, लेकिन तबाही के बाद के मंजर को देखकर अन्य संभावनाओं से भी इंकार नही किया जा सकता।