बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और निर्देशक सतीश कौशिक ने 66 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।, होली के ठीक बाद आखिर सतीश कौशिक को क्या हुआ

मौत से एक दिन पहले हंसते-मुस्कुराते दिखे थे सतीश कौशिक, आखिरी पोस्ट हुआ वायरल

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नई दिल्ली(kundeshwartimes)- बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और निर्देशक सतीश कौशिक ने 66 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री सदमे में है। बताया जा रहा है कि उन्हें कार के अंदर हार्ट अटैक आया। निधन के बाद उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए दीनदयाल अस्पताल ले जाया गया। अब हॉस्पिटल से उन्हें मुंबई लाया जाएगा। कौशिक का शव आज दोपहर 3 बजे तक पहुंचने की उम्मीद है। उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मौत से एक दिन पहले होली खेली थी

सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि मौत से एक दिन पहले तक वो बिल्कुल स्वस्थ थे। सोशल मीडिया पर एक्टिव भी थे। वह 7 मार्च को मुंबई के जुहू में शबाना आजमी के घर होली पार्टी में शामिल हुए थे। यहां सतीश कौशिक ने होली का जश्न मनाया था। उन्होंने होली सेलिब्रेशन की फोटोज एक दिन पहले ही सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट की थीं। इन तस्वीरों में महिमा चौधरी, जावेद अख्तर, ऋचा चड्ढा और अली फजल नजर आए। उन्होंने पार्टी में खूब मस्ती की। फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।

सतीश को होली के बाद क्या हुआ?

7 मार्च को मुंबई में होली खेलने के बाद 8 मार्च को उन्होंने दिल्ली में अपने परिवार संग होली का जश्न मनाया, लेकिन होली खेलने बाद उन्हें घबराहट होने लगी। जिसके बाद उन्हें फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सतीश कौशिक ने देर रात में दम तोड़ ददिया

अनुपन खेर ने शोक व्यक्त किया

सतीश कौशिक के देहांत के बाद दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। लिखा, ‘जानता हूं मृत्यु ही इस संसार का अंतिम सच है। लेकिन मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने जीवन में अपने बेहद करीबी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में यह लिखूंगा। हमारी 45 साल की दोस्ती अचानक खत्म हो गई।’ उन्होंने लिखा कि सतीश के बिना जिंदगी फिर पहले जैसी नहीं होगी।

सतीश कौशिक के करियर पर एक नजर

सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘मासूम’ से की थी। सतीश ने अपने करियर में लगभग 100 फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 1993 में फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा से निर्देशन की शुरुआत की। उन्हें फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में ‘कैलेंडर’ की भूमिका के लिए विशेष पहचान मिली।

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