मऊगंज (kundeshwartimes)- मध्य प्रदेश के अंदर रीवा जिले के मऊगंज तहसील को जिला बनाए जाने की मुहिम विगत कई वर्षों से चली आ रही है जिसमें मऊगंज के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी द्वारा लगातार विशाल आंदोलन किया गया जो कई महीनों तक चलता रहा इस दौरान चुनाव प्रचार में आए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार मऊगंज को जिला बनाए जाने की शुरुआत करने की बात कही थी परंतु तब से यह मामला खटाई में था और निरंतर कई संगठनों द्वारा मऊगंज को जिला बनाए जाने की बात शासन प्रशासन से की जाती रही तरह तरह के आंदोलन किए गए एवं मऊगंज का जिला बनना विंध्य क्षेत्र के विकास में एक अहम कड़ी साबित होगा दिनांक 4 मार्च 2023 मऊगंज जिले के लिए इतिहास की पहली सीढ़ी होगा मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ने मऊगंज में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मऊगंज को जिला बनाए जाने की घोषणा की इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण मऊगंज जिले का होगा और मऊगंज जिले में देवतालाब नईगढ़ी मऊगंज और हनुमाना तहसील होंगी जिससे बात भी स्पष्ट रूप से साबित हो गई।
विधानसभा अध्यक्ष के देवतालाब तहसील की मांग पर लगी मुहर
कि मऊगंज जिले के साथ-साथ देवतालाब नई तहसील के रूप में उभरकर के सामने आ गई जिसके लिए मध्य प्रदेश के यशस्वी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने साईकिल यात्रा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मांग की थी जिसमें से देवतालाब तहसील एवं नगर पंचायत समिति तो देवतालाब तहसील का बनना सुनिश्चित हो गया एवं नगर पंचायत की बात शेष रह गई।
कैसे शुरू हुआ जिला बनाने का सिलसिला
बता दें कि वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश का छत्तीसगढ़ से बटवारा हुआ। उस समय जिलों की संख्या 45 थी। 2003 में मुख्यमंत्री उमा भारती ने अनूपपुर, बुरहानपुर और अशोकनगर जिला बनाया। ऐसे में जिलों की संख्या 48 हो गई। वर्ष 2008 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2 नए जिले बनाए। जिसमे अलीराजपुर को (झाबुआ से) और सिंगरौली को (सीधी से) बनाया। इसके बाद प्रदेश में जिला की संख्या 50 हो गई। 16 अगस्त 2013 को शाजापुर जिले को काटकर आगर मालवा जिला बनाया गया।