कटरा-मामला केवल वर्तमान का नहीं है मध्य प्रदेश के आरटीओ चेक पोस्टो पर भ्रष्टाचार का यह खेल विगत कई दसको से खेला जा रहा है मामला किसी एक सरकार के समय का भी नहीं है मध्य प्रदेश में सरकारें बदलती रहती है लेकिन प्रदेश के बॉर्डरो पर बने आरटीओ चेक पोस्टो पर ट्रक मालिकों के साथ लूट खसोट का यह धंधा बदस्तूर चालू रहता है, हां समय-समय पर लूट खसोट के तरीके में परिवर्तन जरूर होता रहता है ट्रक चालकों के अनुसार पहले हर ट्रक से 15 00 रुपए हर माह एंट्री के रूप में लिया जाता था जिसका टोकन भी दिया जाता था और 14 00 रुपए का सरकारी चालान भी काटा जाता था तब ओवरलोड पर कोई पाबंदी नहीं थी आज पूरे मध्यप्रदेश में ओवरलोड पर पाबंदी है बावजूद उसके भी अवैध लूट जारी है वर्तमान में मध्यप्रदेश में जितने भर आरटीओ चेक पोस्ट है वहां हर ट्रक से ₹500 चक्कर लिए जा रहे हैं यानी की लूट खसोट उतनी ही केवल तरीका बदला है मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ओवरलोड ट्रक पर पूर्ण बंदी के बावजूद भी अवैध वसूली के चक्कर में चेक पोस्टो पर तैनात कर्मचारियों द्वारा धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन निकाले जा रहे हैं जिसकी एक बानगी विगत दिनों देखने को मिली , मामला चाकघाट आरटीओ चेकपोस्ट का है जो अब वर्तमान में सुहागी पहाड़ पर स्थित है रीवा से छपने वाले ज्यादातर अखबारों में समाचार छपी थी कि सोहागी थाना के थानेदार एवं स्टाफ के द्वारा ओवरलोड गिट्टी में जप्त किए गए आधा दर्जन से ज्यादा ट्रक। जाहिर है कि आरटीओ बैरियर सोहागी घाट के ऊपर है, थाना सोहागी घाट के नीचे है निश्चित रूप से ए सभी ओवरलोड ट्रक चेक पोस्ट पार करके सोहागी थाना तक पहुंचे थे, आखिर जब ये सभी ट्रक ओवरलोड थे तो आरटीओ चेक पोस्ट से बिना चालानी कार्यवाही के कैसे निकल गए, उपरोक्त घटना से यह साबित होता है कि सोहागी आरटीओ चेक पोस्ट पर अवैध लूट चरम पर है। देखने में यह भी आया है कि हर चेक पोस्ट पर सरकारी कर्मचारी से ज्यादा प्राइवेट गुंडे पाले जाते हैं जो चालकों के साथ अभद्र व्यवहार भी करते हैं यह भी देखा गया है कि इस चेकपोस्ट से प्रतिदिन बिना परमिट की लगभग 15 लग्जरी बसें नागपुर से इलाहाबाद, रायपुर बिलासपुर से इलाहाबाद, जाती हैं यदि ये सभी बसें बिना परमिट के प्रदेश के चेक पोस्टों से गुजरती है तो निश्चित रूप से मोटी रकम देकर ही निकलती होगी, ट्रक चालकों के अनुसार चेक पोस्टों के अलावा भी रीवा और जबलपुर आरटीओ द्वारा ओवरलोड चेकिंग के नाम पर बाईपास में महीने भर एंट्री वसूली की जाती है यदि अंडरलोड है फिर भी एंट्री देनी ही पड़ेगी नहीं तो किसी ना किसी बहाने जैसे लाइट का आधा हिस्सा काला नहीं है बैग बत्ती नहीं जल रही है आदि को लेकर चालान किया जाता है। एक अनुमान के अनुसार मध्य प्रदेश के आरटीओ चेक पोस्टों की हर माह की अवैध कमाई लगभग 10 लाख से 15 लाख के बीच है सूत्रों का यहां तक कहना है कि मध्य प्रदेश के हर चेक पोस्टों की अवैध कमाई 15 लाख से 20 लाख रुपए महीना है, अब इतनी लंबी अवैध कमाई आरटीओ चेक पोस्ट पर तैनात अकेले आरटीओ भर् तो हजम नहीं कर सकते ,निश्चित रूप से इस अवैध कमाई का बंदरबांट सफेदपोशों में भी होता होगा , यदि ऐसा ना होता तो यह अवैध कमाई इतने लंबे अरसे से बदस्तूर जारी न रहती । देखना यह है कि इस उजागर भ्रष्टाचार पर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्या एक्शन लेंगे। लूट खसोट का यह धंधा जारी रहेगा या फिर इस पर हमेशा के लिए विराम लग जाएगा।