रक्तदान के माध्यम से शिक्षक निरंतर कर रहे जरूरतमंदों के जीवन की रक्षा,दमोह कुंण्डेश्वर टाइम्स ब्यूरो मोहन पटेल की रिर्पोट

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिली रक्तदान करने की प्रेरणा

दमोह (हटा) – दुनिया में सबसे बड़ा पुण्यकर्म किसी दूसरे की जिंदगी की रक्षा करना होता है ऐसा ही सतकर्म एक युवा शिक्षक निरंतर करता आ रहा है जो विभिन्न तरह की सामाजिक गतिविधियों में अपनी प्रत्यक्ष भागीदारी के अलावा समाज सेवा का जुनून लेकर रक्तदान के माध्यम से समाज सेवा करता है साथ ही दूसरों को भी लगातार सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित कर रहा है । पेशे से शिक्षक संजू शर्मा अब तक 13 बार रक्तदान प्रत्यक्ष रूप से जरूरतमंदों को रक्तदान कर जीवन रक्षा कर चुके संजू शर्मा की उम्र महज 40 वर्ष है । रक्तदान दिवस के अवसर पर जब हमने संजू से बात की तो उन्होंने बताया कि इस उम्र तक समाज सेवा के जमीनी कार्य के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व हिंदू परिषद से प्रेरित होकर विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों में सहभागी बने हैं । उन्होंने बताया कि पहली बार रक्तदान की प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिली और निरंतर हर तीन-चार माह में रक्तदान करते आ रहे हैं । रक्तदान से कई लोगों को जीवनदान मिला है और वह इस पुण्य कार्य के सहभागी बनकर अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं । संजू एक घटना का ज़िक्र करते हुये बताते हैं कि एक बार कांटी हटा निवासी ज्योति राजपूत को जिला अस्पताल दमोह में रात्रि 2:00 बजे जाकर विषम परिस्थितियों में रक्तदान कर उनकी जिंदगी बचाई थी तब उन्हें अपार खुशी मिली थी।
हटा में रक्तदान सेवा समिति के माध्यम से 40 से 50 युवा जुड़े हुए हैं जैसे ही मैसेज मिलता है तुरंत जाकर रक्तदान करते हैं समिति के लोगों का मानना है कि हटा क्षेत्र में रक्तदान की वजह से किसी की जान ना जाए तभी वह अपने उद्देश्य में पूर्णतः सफल होंगें।

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