दमोह। श्री जागेश्वर नाथ की नगरी बांदकपुर धाम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गौ माता को 56 भोग लगाए गए। राम गौतम ने बताया कि पिछले पांच छः वर्षों से हर अष्टमी पर गौ माता का विधिवत पूजन करके छप्पन भोग लगाए जाते हैं। शिव भक्तों का प्रयास है कि बांदकपुर धाम में हर उत्सव पर्व को विशेष प्रकार से मनाया जाए जिससे आम जनमानस में बांदकपुर धाम से एक प्रेरणादायक संदेश पहुंचे।।
इसी धारणा को लेकर शिव भक्तों द्वारा सुबह के समय गौमाता का विधि विधान से पूजन किया गया इसके बाद में आरती के साथ गौ माता को 56 भोग लगाए गए जिसमें अनेक व्यंजन सम्मिलित रहे 32 प्रकार की मिठाई,8 प्रकार के फल, 9 प्रकार के बिस्किट, 14 प्रकार का नमकीन सहित अनेक सामग्री भोग में सम्मिलित रही। जिनमें मिल्क केक, अंजीर बर्फी, काजू कतली, मेवा बाटी, गुड़ का लड्डू ,बेसन का लड्डू, चूरमा लड्डू ,खजूर बर्फी, बादाम बर्फी, मावा सिंघाड़ा, ककड़ी, अमरूद, सेव, अनार, पपीता, तरबूज ,आम, दही, दूध,हरी घास,भूसे में दाना चुनी मिलाकर भांति भांति के स्वादिष्ट व्यंजनों को गौमाता को खिलाया गया।
राम गौतम ने आवाहन किया कि जिस प्रकार भगवान की सृष्टि का उपयोग लाभ हर धर्म वर्ग जाति सहित सभी जीव करते हैं जिसमें भगवान की प्रकृति में पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश यह सभी के लिए समान है उसी प्रकार से हर मानव मात्र का कर्तव्य है कि वह प्रतिदिन अपनी ओर से यथासंभव गौ सेवा का कार्य करें क्योंकि गौ सेवा से सभी देवी देवता शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं। भगवान श्री कृष्ण जी का अवतार ही विशेष रूप से गौरक्षा गौसेवा के लिए ही हुआ है इसलिए उनका नाम गोविंद और गोपाल पड़ा अर्थात हम सभी भगवत भक्तों को हर प्रकार से गौ सेवा का प्रयास करना चाहिए।।