हनुमना – नगर के मोटवा की पहड़ी बाईपास चौराहे पर 11 जुलाई 2018 को इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से ड्यूटी कर अपने घर ग्राम ढावातिवरियान लौट रहे ज्ञानेंद्र तिवारी पिता विंध्यवासिनी प्रसाद तिवारी को अचानक तेज रफ्तार से लहराते हुए महिंद्रा कंपनी की चार पहिया वाहन ने इस कदर कुचला कि उसका बायां पैर चकनाचूर हो गया जिसका इलाज संजय गांधी रीवा से राहत न मिलने पर प्रयागराज से चल रहा है घर का कामाने वाला इकलौता ग्यानेन्द्र 21 माह से बिस्तर पर पड़ा है जिससे उसके घर की हालत दयनीय है लेकिन पुलिस है कि आज तक नामजद रिपोर्ट के बावजूद वाहन को न तो पकड़ सकी न ही कोई कार्यवाही की । उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई 2018को सांयंकाल महिंद्रा कंपनी का वाहन क्रमांक mh47/tc a600 का चालक तेज रफ्तार में वाहन को लहराते हुए आया और ज्ञानेंद्र को रौंदते हुए निकल गया जिससे उसका पैर बुरी तरह चकनाचूर हो गया आनन-फानन में परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल रीवा ले जाकर भर्ती कराया जहां गंभीर हालत में गंभीर रोगी कक्ष में भर्ती कराया हफ्ते भर इलाज करने के बाद भी कोई खास राहत न मिलने से परिजन प्रयागराज के ख्यातिलब्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के डी त्रिपाठी के पास ले गए जिनके द्वारा इलाज किया जा रहा है। इलाज से राहत जरूर है लेकिन आज भी अपने घर की रोजी रोटी का एकमात्र सहारा बिस्तर पर पड़ा हुआ है जिससे उसके घर की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है पुश्तैनी जमीन में खेती से किसी कदर परिजनों का राशन पानी चल रहा है लेकिन पुलिस ने परिजनों द्वारा नामजद रिपोर्ट के बावजूद आज तक वाहन को नहीं पकड़ा गया है । जबकि दुर्घटना थाना में अपराध क्रमांक 0229 घटना दिनांक 11/07/2018दर्ज है वही 11/09/18 परिजनों ने थाने में जाकर पर भी वाहन के नंबर सहित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। कोई कार्यवाही न होने पर एसडीओपी मऊगंज पुलिस अधीक्षक रीवा आईजी रीवा आवेदन के माध्यम से उचित कार्यवाही की गुहार लगाई किंतु आज तक कोई कार्यवाहीं न हीं हुई वाहन तक को पुलिस पकड़ सकी। उल्टे ग्यानेन्द्र के पिता विंध्यवासिनी तिवारी की माने तो पुलिस मामले को आत्मा लगाने का दबाव बना रही है तिवारी ने प्रेस के माध्यम से शासन प्रशासन से शीघ्र न्याय की गुहार लगाते हुए वाहन के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा है कि शीघ्र न्याय न मिला तो मुझे मजबूर होकर कोर्ट की शरण लेना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।