दमोह – बाबाओं द्वारा कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली 1 बच्ची के अपहरण के मामले का पटाक्षेप हो गया है। खुलासा होने पर पता चला कि बच्ची का किसी ने अपहरण नहीं किया था। बल्कि उसने अपने अपहरण की कहानी स्वयं ही गढ़ी थी। मालूम हो कि शनिवार को बांदकपुर में अपनी बुआ के घर पर रहकर पढ़ाई करने वाली सातवीं कक्षा की बालिका अंशिका पुत्री किशन सिंह लोधी का अपहरण किए जाने का मामला सामने आया था। जिससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। बाद में बच्ची किसी तरह से अपहर्ताओं के चंगुल से भाग निकली और अपने घर पहुंच गई थी। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया था। वहीं उसके अपहरण की कहानी की सच्चाई सामने आई ।
क्या था मामला :
अंशिका के पिता किशन लोधी ने बताया कि उसकी बेटी कक्षा सातवीं में बांदकपुर में अपनी बुआ की घर पर रहकर पढ़ाई करती है । लेकिन वह शनिवार को अपह्रत हो गई और किसी तरह बाबाओं के चंगुल से छूट कर अपने घर वर्धारी पहुंच गई। जिसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की पूछताछ में पहले बालिका ने यही बताया कि उसे कुछ बाबाओं ने एक सफेद गाड़ी में अपहरण कर लिया था उसी गाड़ी में दो-तीन और बच्चे भी बेहोशी की अवस्था में पड़े हुए थे। गाड़ी बांदकपुर से जैसे ही सागर रोड पर के बरधारी गांव के पास पहुंची तो बच्ची किसी तरह से बाबाओं के चंगुल से छूटकर बरधारी गांव में अपने घर पहुंच गई । पुलिस को लड़की की बताई कहानी पर कुछ शक हुआ तब उन्होंने उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से प्यार के साथ पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई उगल दी
यह निकला मामला : –
पुलिस ने बताया कि बच्ची का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि वह पढ़ाई की प्रेशर से इतनी डर गई कि उसने बुआ के घर से भाग जाना उचित समझा और शनिवार को स्कूल जाने के द्वारा वह एक टेंपो में सवार होकर दमोह पहुंची और दमोह से अपने गांव बरधारी चली गई तथा घर पहुंच कर उसने अपने अपहरण की कहानी गढ़ दी लेकिन जब बच्ची से पूछताछ की गई तो सारा मामला कुछ और ही निकला हालांकि इस मामले का पटाक्षेप होने के बाद बच्ची के परिवार जनों और पुलिस ने राहत की सांस ली है।