सिंगरौली(kundeshwadrtimes) ,सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत बैढऩ के मनरेगा में पदस्थ संविदा सहायक उपयंत्री को स्थानांतरण होने के एक महीने बाद भी भारमुक्त नहीं किया गया है। जबकि बैढऩ में करीब दस से बारह सालों से संविदा सहायक यंत्री पदस्थ हैं।
उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल के द्वारा 5 अपै्रल को जनपद पंचायत बैढऩ के मनरेगा में पदस्थ संविदा सहायक यंत्री रामसुहावन सिंह का तबादला शहडोल जिले के लिए किया गया था। लेकिन अभी तक सहायक यंत्री को जिला पंचायत के सीईओ द्वारा भारमुक्त नहीं किया गया है। 12 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ स्थानांतरित संविदा सहायक यंत्री पर जिला पंचायत की मेहरबानी समझ से परे है। स्थानांतरण के एक महीने बाद भी सहायक यंत्री को भारमुक्त नहीं किया जा रहा है। इस बात को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
जानकारी के अनुसार
विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र.भोपाल के द्वारा 14 सितम्बर 2022 को मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के लिए एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें उल्लेख था कि मनरेगा के अंतर्गत संविदा पर जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में पदस्थ अधिकारी,कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी जानकारी प्रस्तुत करें। पत्र में लिखा था कि जिला स्तर पर पदस्थ अधिकारी,कर्मचारी जिनकी पदस्थापना एक ही स्थान पर पांच वर्ष से अधिक हो चुकी है जनपद स्तर पर 7 वर्ष से अधिक पदस्थापना हो चुकी हो जिनका जिले के अंदर कलेक्टर के अनुमोदन से पदस्थापना परिवर्तन किया जावे, जिन्हें जिले से बाहर स्थान परिवर्तन किया जाना है उनका प्रस्ताव परिषद् मुख्यालय में भेेजेें एवं जिनके विरूद्ध गंभीर शिकायतें,वित्तीय अनियमितताएं हैं ऐसी शिकायतें के प्रथम दृष्टया में प्रमाणित पाये जाने पर स्थान परिवर्तन प्रस्ताव मांगा गया है,किन्तु आरोप लग रहा है कि जिला पंचायत के अधिकारी विकास आयुक्त के आदेश को दरकिनार कर दिया है।