सिद्ध पीठ के समान है बैकुंठ धाम

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सिद्ध पीठ के समान है बैकुंठ धाम

मनीष वाघेला

थांदला पद्मावती नदी के सुरम्य तट पर स्थित सरस्वती नंदन स्वामी की समाधि स्थल होने से यह क्षेत्र बैकुंठ धाम के नाम से जाना जाता है वह किसी सिद्ध पीठ से नहीं है मूलतः गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र प्रदेश के कई हिस्सों से गुरुदेव के अनुयाई यहां पहुंच कर सुकून महसूस करते हैं वह प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सप्ताह भर से नाम सकीर्तन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते बैकुंठ धाम में चल रहे नाम सकीर्तन पर भी कोरोना का साया है धाम के अध्यक्ष राजेंद्र अग्निहोत्री व आश्रम प्रभारी भूदेव आचार्य ने गणतंत्र दिवस पर बैकुंठ धाम परिसर में प्रेस वार्ता कर बताया कि गुरुदेव की मंशा के अनुरूप कोई भी अनुयाई बैकुंठ धाम में दर्शन हेतु आता है वह भूखा ना जाए समाधि स्थल पर कई भक्तों की मनचाही मुराद पूरी होती हैं वह मुरादे पूरी होने के बाद सपरिवार के साथ यहां आते भी हैं आचार्य ने कहा कि युवा पीढ़ी को अध्यात्म की ओर जोड़ना बैकुंठ धाम का लक्ष्य है जिस और समिति के सभी सदस्य गण इस ओर अग्रसर हो रहे हैं यहां प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सप्ताह भर के कीर्तन भी इस बार सीमित लोगों की उपस्थिति में ही संपन्न हो रहे हैं विगत सप्ताह भर से चल रहे नाम स कीर्तन की पूर्णाहुति गुरुवार आज संपन्न होगी प्रेस वार्ता में समाधि स्थल का महत्व प्रतिपादित करते हुए आश्रम प्रभारी ने बताया कि राजाओं के समय इस वीरान स्थल पर गुरुदेव सरस्वती नंदन स्वामी ने एक माह तक समाधि लेकर साधना की थी जहां प्रतिदिन समाधि लेने के बाद राजाओं के समय नियुक्त पुलिसकर्मी व पहरेदार की उपस्थिति में एक महा बाद गुरुदेव सकुशल बाहर निकले थे आज पर्यंत 1940 से लगाकर आज पर्यंत समाधि स्थल पर शुद्ध घी का अखंड दीप प्रज्वलित हो रहा है जो अनवरत जारी है प्रेसवार्ता में धाम की सचिव व शासकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ जया पाठक ने कहा कि इस परिसर में हम अपनी सेवा देखकर गुरुदेव के रज कण की धुली के समान भी नहीं है हमारा उद्देश्य है कि आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो प्रेस वार्ता में भागवत पुराण का उल्लेख करते हुए डॉ पाठक ने कहा कि श्रीकृष्ण ने नारद से भी कहा था कि अब मैं कलयुग में भजनों व कीर्तन में आऊंगा पाठक ने बैकुंठ धाम से जुड़ी व पुरानी पीढ़ी के अनुभवों को साझा किया इस अवसर पर धाम से कोषाध्यक्ष भागवत शुक्ला, ओमप्रकाश बेरागी,नामदेव आचार्य, ,तरुण भट ,किशोर आचार्य, अनिल पाठक,तुषार भट,श्रीरंग आचार्य,रविंद सोनी,कंचन भाईजगदीप आचार्य,निरंजन पाठक,मौजूद थे

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