रीवा 22 अप्रैल 2020. आगामी 25 अप्रैल से वनोपज का संग्रहण प्रारंभ होगा। प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान लघु वनोपज, संग्रहण प्रसंस्करण, उपचरण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में संलग्न श्रमिकों और ग्रामीणों को संक्रमण से बचाने के निर्देश दिये हैं। वनोपज संग्रहण के दौरान किसी संग्राहक अथवा वनकर्मी ने कोरोना वायरस के लक्षण दिखते है तो उसे तुरंत निकटतम अस्पताल पहुंचाया जायेगा।
लघु वनोपज के संग्रहण में संलग्न कर्मचारी, क्रेता और प्रतिनिधि श्रमिक और ग्रामीण अनिवार्य रूप से चेहरे को मास्क, फेसकवर, गमछा, रूमाल, दुपट्टे से ढककर रखेंगे। तेदूपत्ता क्रेताओं और उनके प्रतिनिधियों के लिए वन मंडल अधिकारी अथवा प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा पूर्व से निर्धारित परिचय पत्र जारी किए जायेंगे। इस परिचय पत्र को ही लघु वनोपज संग्रहण, परिवहन, भण्डारण के लिए मान्य किया जायेगा। राजस्व और पुलिस प्रशासन को इन परिचय पत्रों के संबंध में कलेक्टर द्वारा अवगत कराया जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों के क्रय के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा वन विभाग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। प्रत्येक संग्रहण एवं भण्डारण केन्द्र और गोदाम पर आवश्यक रूप से सेनेटाजर और साबुन रखा जाएगा। यहां सभी संबंधित के लिये आने और जाने, दोनों समय 20 सेकण्ड तक हाथ धोकर हाथ सेनेटाइज करना जरूरी होगा। वनोपज संग्रहण आदि कार्यों में संलग्न सभी व्यक्ति आपस में कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाये रखते हुए काम करेंगे। प्रत्येक संग्रहण केन्द्र पर 2-2 मीटर की दूरी पर चूने का घेरा बनेगा। इन केन्द्रों पर रात में कार्य के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था होगी।