कांग्रेस देश को अस्थिर करने पर आमादा है = किसान आंदोलन को ढाल बनाकर राजनैतिक स्थिरता की तलाश में कांग्रेस, देवेन्द्र मिश्रा (राजा गौतम) नागपुर

0
952

नागपुर- सत्ता के बगैर भी जनहित मे भागीदारी स्वस्थ्य लोकतंत्र का परिचायक है ।सत्ता से पदच्युत होने के बाद अथवा यूँ कहें की भाजपा के सत्तारूढ़ होने के बाद कांग्रेश की राजनीति देश को कमजोर करने वाली रही है,। नरेंद्र मोदी जिनका जीवन राष्ट्र के लिये समर्पित प्रतीत होता है और कांग्रेश उनके प्रति चोर, धोखेवाज, जैसे अपशब्दों का प्रयोग करती है तब कांग्रेश की इस घृणास्पद मंशा से देश मे उसके प्रति असहिष्णुता के भाव पैदा हो चुके हैं। देश की आजादी मे कथित महत्वपूर्ण भूमिका के झूँठ को भुनाने का स्वांग रचने वाली कांग्रेश का सच आज देश देख रहा है,
आये दिन देश मे अस्थिरता का माहौल खड़ा करने मे कांग्रेश की भूमिका को नकारा नही जा सकता। जब भाजपा देश मे नागरिकता कानून लेकर आई तब पर्दे के पीछे से शाहीन बाग का नंगा नाच पूरी दुनिया ने देखा और यह अमिट कलंक कांग्रेश को हमेशा खलेगा । जम्मू-कश्मीर से जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तब कांग्रेश ने बिषबमन का कोई वाक्य नही छोडा । आज जब किसानों और कृषि कानूनों के राष्ट्रीय समीक्षा कर सुधार करने की बारी आई तो तो सबसे पहले कांग्रेश शासित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अन्दोलन को हरी झण्डी दिखाकर देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। सत्तारूढ़ रहते अंग्रजों के काले कानूनों को जब बिबेचना करने का वक्त था तब बोफोर्ष और यूनियन कार्बाइड भोपाल गैस काण्ड,2जी , कोल इंडिया जैसे भ्रष्टाचार मे लिप्त रहे और आज जनहित के नाम पर देश मे किसान अन्दोलन को मोहरा बनाकर किसानों को बरगलाया जा रहा है । खुद महलों मे बैठ कर दूरदर्शन मे किसानों की दुर्दशा का तमाशा देख रहे हैं ।
किसानों को आन्दोलित कर उनके कृषि कार्यों को बाधित कर देश का माहौल बिगाड़कर आप सत्ता की दह्लीज पर पहुँचने का घिनौना प्रयास कर रहे हैं इससे बेहतर आप अपने निर्वाचित सांसदों, कपिल सिब्बल जैसे बिशिस्ट अधिवक्ताओं को साथ लेकर दिल्ली मे बैचारिक मंथन करते तो किसान ,राष्ट्र और प्रशासन का बहुमूल्य समय जाया नही होता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here