चाकघाट। चाकघाट के ग्राम चंदई वेयर हाउस में गत वर्ष का रखा चने का दाल, मसूर एवं चना खराब होने की स्थिति में पहुँच रहा है। पता चला है कि गत वर्ष कोरोना वायरस लाकडाउन के समय कुछ सरकारी दुकानों से मुफ्त में गेहूं चावल के साथ दाल भी दी गई थी । इस वर्ष है अभी तक निशुल्क वितरण करने वाले खाद्यान्न को वितरण हेतु दुकानों तक नहीं पहुँचाया गया ।आज 24 मई को चाकघाट क्षेत्र में जिला कलेक्टर इलैया टी राजा के आने के बाद वेयरहाउस से खाद्यान्न को विपणन सहकारी समिति सहित अन्य समितियों में पहुंचाने का कार्य प्रारंभ हुआ है ।मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अभी तक गेहूँ और चावल का ही आवंटन दिया जा रहा है ।जबकि गत वर्ष का दाल,चना,जो चाकघाट के वेयरहाउस में रखा है वाह खराब होने की स्थिति में पहुँच रहा है। मिली जानकारी के अनुसार शासन द्वारा दाल और चने का आवंटन एवं वितरण की योजना ना होने के कारण गोडाउन में रखा चने का दाल एवं चना भी खराब होने की स्थिति में पहुंच रहा है। यदि शासन की उदार योजना के तहत गोदाम में रखे इन दालों का वितरण करा दिया जाता तो वह सार्थक हो जाता। यदि प्रशासन चाहे तो उसे निशुल्क वितरण न कराकर उसका कोई मूल्य निर्धारित कर दें जिससे वह पात्र लोगों तक प्राप्त हो सके और सरकार का खाद्यान्न खराब होने से बच सके। इस संदर्भ में वेयरहाउस के प्रभारी के.के. शर्मा से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विपणन संघ भारत सरकार की योजना के तहत किसानों से चना एवं मसूर समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई थी,जो यहाँ रखा हुआ है। और चने की दाल शासन द्वारा यहाँ पर रखवाया गया है लेकिन अभी तक उसके वितरण की कोई योजना की जानकारी नहीं है कि यह चना का दाल कब कहाँ कैसे बाँटा जाएगा या नीलाम किया जाएगा।