*जबेरा जनपद सीईओ आर बी पटेल नहीं करते पंचायतों का निरीक्षण,जिससे ग्राम पंचायतों में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार।* / कुंडेश्वर टाइम्स समाचार संपादक मोहन पटेल की खास रिपोर्ट

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दमोह ( विंध्य सत्ता ) दमोह जिले की जनपद पंचायत जबेरा चारो ओर से सुर्खियां बटोरने में लगा है चाहे वह भ्रष्टाचार के, घोटाले के, जांच ना करने के, जानकारी छुपाने के आए दिन नए मामले सामने आते है लेकिन उन पर ना कभी जांच होती है ना कार्यवाही जनपद पंचायत जबेरा के ग्राम पंचायत की जनता अधिकारियों के अड़ियल रवैया के कारण बहुत ही परेशान हैं जिससे पात्र हितग्राही को योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। ऐसे कई मामले हैं जो 1 साल से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते आ रहे हैं लेकिन आज तक कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली जनपद पंचायत जबेरा की लगातार खबर प्रकाशित की जाती है लेकिन उसके बाद भी अधिकारी कार्यवाही ना करने की ठाने बैठे हैं। ग्राम पंचायतों में काम एप्रूव्ड होते ही रातों-रात मशीनों से निर्माण कार्य करा दिए जाते है उसके बाद में फर्जी मजदूरों के नाम से फर्जी मास्टर डालकर राशि निकालने का सिलसिला जारी रहता है मौके पर जाकर देखते हैं तो मजदूर नहीं मिलते। कई निर्माण कार्य आज की स्थिति में छतिग्रस्त तो क‌ई निर्माण कार्य अधूरे पड़े तो कई निर्माण तो कागजों में पूर्ण कर दिए जाते हैं और राशि का आहरण कर लिया जाता है। कई बार 181 पर शिकायत करने के बाद भी ग्रामीणों पर अधिकारियों द्वारा दबाव बनाकर शिकायत बंद करा दी जाती है लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिसमें डस्ट का उपयोग कर घटिया निर्माण किया जाता है जब स्टीमेट में डस्ट का उपयोग है ही नहीं तो कार्य को निरस्त भी नहीं किया जाता बल्कि उस निर्माण कार्य का भुगतान कर दिया जाता है जब इसकी शिकायत अधिकारियों से की जाती है उनका कहना होता है की यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में आया है मैं इस पर जांच करूगा अब सवाल यह उठता है कि हर मामले मीडिया के माध्यम से पता चलते हैं तो अधिकारी क्या करते हैं सिर्फ समझौता या जांच की बात।

*मनरेगा के कार्य अधूरे पड़े*

जनपद पंचायत जबेरा में नियमों को ताक पर रखकर ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य किए जा रहे है जैसे परकोलेशन टेन्क ,सिदूर सड़क , तालाब निर्माण में मशीनों से निर्माण कराकर मजदूरी के नाम से राशि आहरण की जा रही है ऐसे सैकड़ों तालाब है जिनको आज तक पूरा नहीं कराया गया। वही दूसरी ओर खकरी निर्माण में अवैध पत्थर से खकरी निर्माण की जाती है किर उन्हीं पत्थरों को वहा से उठाकर दूसरी जगह खकरी निर्माण कर राशि आहरण की गई।वही श्मशान घाट के नाम से राशि का आहरण करने के बाद भी श्मशान घाट का निर्माण पूरी तरह पूर्ण नहीं किया गया एवं जनपद जबेरा अंतर्गत ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण केबल कागजों में किए गए मौके पर एक भी पेड़ नहीं मिलते और राशि निरंतर मजदूरों के नाम से निकाली जा रही है यह मामला पिछले 1 साल से चला आ रहा है लेकिन इस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

*सामुदायिक शौचालय नहीं हुए चालू*

जनपद जबेरा की कई ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सामुदायिक शौचालय स्वीकृत किए गए थे लेकिन सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए लेकिन राशि का आहरण कर लिया गया है।

*पंचायतों में जल का संकट*

ऐसी कई पंचायतें हैं जिसमें गोला पट्टी , झरोली , बनवार जैसी कई ग्राम पंचायतें हैं जिन पर आज भी ग्रामीणों के सामने जल का संकट मंडरा रहा है ग्रामीण के लोग दो-तीन किलोमीटर दूर तक पैदल पानी भरने को मजबूर है ग्रामीणों द्वारा कई बार अधिकारियों से मौखिक रूप से शिकायत की एवं समाचार पत्रों में भी खबर प्रकाशित की गई लेकिन आज तक ग्रामीणों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिला ।

*पंचायतों की नहीं हुई जांच जो सुरेन्द्र प्रजापति की सेक्टर में आती*

गोला पट्टी , झरोली ,बनवार , सगरा ,रिछाई ,जैसी कई पंचायतों जो बनवार सेक्टर में आते हैं जो कि सुरेंद्र प्रजापति के अंडर में है क्योंकि इनकी मिलीभगत से ही बनवार सेक्टर की हर एक ग्राम पंचायत में ऐसे निर्माण कार्य हुए हैं जो आज की स्थिति में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कई निर्माण कार्य से हैं जो कागजों पर ही निर्माण हुए हैं और कुछ निर्माण कर ऐसे हैं जो अधूरे पड़े हुए हैं अगर इन निर्माण कार्यों की जांच की जाए तो संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जा सकती है लेकिन जनपद जबेरा सीईओ द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं लगता है कि जनपद सीईओ का भी ग्राम पंचायत में अधिकारियों को संरक्षण मिल रहा है इसलिए तो जनपद सीईओ ग्राम पंचायत में ना तो भ्रमण करते हैं और सूचना देने के बाद भी ना कोई जांच होती है और ना ही इनके द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है

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