उप पंजीयक कार्यालय देवसर में सामने आया एक सनसनीखेज खुलासा,प्राइवेट ऑपरेटर कर रहा जमीन रजिस्ट्री का कार्य,कुंडेश्वर टाइम्स ब्यूरो अनुराग द्विवेदी की रिपोर्ट

उप पंजीयक ने कहा ऑपरेटर को मैं स्वयं देता हूं मानदेय

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देवसर(kundeshwartimes)– सिंगरौली जिले के देवसर तहसील अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय में इन दिनों एक सनसनीखेज खुलासा सामने आया है, उप पंजीयक कार्यालय देवसर में अजय मिश्रा नाम का एक प्राइवेट ऑपरेटर जमीन की रजिस्ट्री का कार्य कर रहा है, यही नहीं ऑपरेटर का मानदेय उप पंजीयक गंगाराम पांडे स्वयं अपनी जेब से दे रहे हैं, जी हां यह हम नहीं कह रहे बल्कि उप पंजीयक गंगाराम पांडे ने खुद यह बात कही है कि उन्होंने बताया की अजय मिश्रा की नियुक्ति नहीं हुई है ऑपरेटर का मानदेय मैं स्वयं देता हूं अब ज़रा सोचिए कि क्या यह संभव है कि कोई अधिकारी किसी कर्मचारी को अपने जेब से मानदेय देते होंगे,उप पंजीयक देवसर यदि ऐसा कर रहे हैं तो निश्चित रूप से बहुत ही महान अधिकारी हैं लेकिन इस पुण्य कार्य पर भरोसा करना शायद संभव नहीं है, सच्चाई यह है कि ऑपरेटर का मानदेय जमीन रजिस्ट्री कराने वाले क्रेता एवं विक्रेताओं से वसूला जाता है ऐसे में अपने आप प्रतीत होता है कि निश्चित रूप से जमीन की रजिस्ट्री में भारी-भरकम कमीशन लिया जा रहा है फिर फिलहाल इस तरह का सनसनीखेज खुलासा सामने आने के बाद यह देखना होगा कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस मसले पर क्या एक्शन लेते हैं।

लंबे समय से प्राइवेट ऑपरेटर कर रहा कार्य

बताते हैं कि प्राइवेट ऑपरेटर अजय मिश्रा उप पंजीयक कार्यालय देवसर में पिछले लंबे अरसे से कार्य कर रहा है सरकारी कार्य प्राइवेट कर्मचारी के जिम्मे हो रहे हैं, यही नहीं उप पंजीयक की अनुपस्थिति में दफ्तर की जिम्मेदारी उसी प्राइवेट कर्मचारी के जिम्मे होते हैं मतलब इतना महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभाग किसी प्राइवेट कर्मचारी के भरोसे चल रहा है

तो उप पंजीयक प्राइवेट ऑपरेटर को अपनी जेब से दे रहे मानदेय

उप पंजीयक कार्यालय देवसर में प्राइवेट कर्मचारी से काम लेने के बाद यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर प्राइवेट कर्मचारी का मानदेय कहां से प्राप्त होता है सरकार से तो मिलता नहीं होगा ऐसी स्थिति में उप पंजीयक से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं स्वयं अपनी जेब से ऑपरेटर को मानदेय देता हूं, फिलहाल यह मामला निश्चित रूप से जांच का विषय है और यदि प्राइवेट कर्मचारी को उप पंजीयक गंगाराम पांडे स्वयं अपनी जेब से मानदेय दे रहे हैं तो निश्चित रूप से उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए सम्मानित करना चाहिए और यदि अपनी जेब से मानदेय नहीं दे रहे हैं तो फिर ऑपरेटर का मानदेय कहां से आ रहा है यह निश्चित रूप से जांच का विषय है क्योंकि यह भी हो सकता है कि ऑपरेटर का मानदेय जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले काश्तकारों से वसूला जा रहा है यदि ऐसा हो रहा है तो निश्चित रूप से क्षेत्र वासियों के साथ घोर अन्याय हैं

इनका कहना है

यह मामला आप के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है इस संबंध में जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी
अभिषेक सिंह बघेल
जिला पंजीयक सिंगरौली

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