रीवा रंग महोत्सव के तीसरे दिन “महापंडित केशव”” और “भगवदज्ज्कीयम” का हुआ मंचन,कला साहित्य की शक्ति मानवता को श्रेष्ठता प्रदान करती है”- राजेन्द्र शुक्ल

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रीवा(kundeshwartimes)-
आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत रीवा रंग महोत्सव 2023 का आयोजन प्रयास रंग समूह रीवा द्वारा कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में किया जा रहा है । आयोजन का तीसरा दिन पूरा रीवा रंग महोत्सव में नाट्य प्रस्तुतियों के नाम रहा । शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई । आयोजन में मुख्य अतिथि राजेन्द्र शुक्ल,(पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक रीवा) मौजूद थे । अन्य आमंत्रित अतिथि में जयराम शुक्ल,विभू सूरी, अशोक सिंह उपस्थित रहे ।
रीवा रंग महोत्सव में तीसरे दिन दो नाट्य प्रस्तुति हुईं । प्रातः 11.30 से नाटक “महापंडित केशव” का मंचन हुआ । प्रयास रंग समूह की इस प्रस्तुति का निर्देशन राजेश शुक्ला ने किया । दूसरी प्रस्तुति शाम 6.21 बजे से प्रारम्भ हुई, बोधायन रचित नाटक “भगवदज्ज्कीयम” के निर्देशक आदेश सिंह थे ।
आयोजन में मुख्य अतिथि ने कहा कि हमारा रीवा जिला अपनी विशिष्ट कला संस्कृति के साथ इतिहास में सुनहरे शब्दों में अंकित है । नई पीढ़ी को रीवा रंग महोत्सव जैसे महोत्सव और बेहतर मनोरंजन प्रदान कर रहे हैं, साथ ही रीवा रंग महोत्सव स्थानीय कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान कर रहा है । प्रयास रंग समूह के संस्थापक हीरेन्द्र सिंह को मैं बधाई देता हूँ कि उन्होंने इस महोत्सव की परिकल्पना की है । मुझे याद है कि हमारे शहर में लगभग 40 वर्षों से हीरेन्द्र सिंह और उनका प्रयास कलाधर्मिता को जीवित किये हुए है । सभी कलाकार साथियों को बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं ।
नाट्य प्रस्तुति से पहले लोक गायिका मणिमाला सिंह एवं उनके संगी साथियों ने लोकगीत की मधुर प्रस्तुति दी । इसमें शामिल कलाकार क्रमशः गायन में मणिमाला सिंह, स्मृति सिंह, माही सिंह,यसी सिंह,अर्चना सिंह,प्रतिज्ञा सिंह,रोली श्रीवास्तव, तबला रवि मिश्रा,हारमोनियम में राजेंद्र सक्सेना,अतेंद्र पांडेय ।

नाटक “महापंडित केशव”

राजेश शुक्ला के निर्देशन में प्रयास रंग समूह द्वारा प्रस्तुत यह नाटक दर्शकों के बीच प्रभावी रहा । पात्र परिचय-: प्रशान्त सिंह,रमजान खान,सचिन कर्ण, दीपक पटेल,कमलेश कुशवाहा, प्रभाकर विश्वकर्मा,राम प्रकाश,शिवा गुप्ता ।
रीवा रंग महोत्सव में बुधवार की दूसरी प्रस्तुति नाटक “भगवदज्ज्कीयम” की हुई आदेश सिंह के निर्देशन में आर्यावर्त द्वारा तैयार नाटक हास्य रस की प्रधानता के साथ दर्शकों को अनेक सन्देश देने वाला रहा । नाटक में अमन साहू एवं आदिरा शशिधरन ने अभिनय का बेहतर उदहारण प्रस्तुत किया । नाटक के निर्देशक आदेश सिंह बताते हैं कि संस्कृत भाषा की इस कृति को बुन्देली में अनुवादित रजनीश कुमार यादव ने किया है । जैसा मन जैसी वाणी होगी वैसा ही शरीर का आचरण होगा । इस कथन को चरितार्थ करता यह नाटक जीवन के कई गूढ़ प्रश्नों को बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत करता है ।
पात्र परिचय-:
मंच पर – गुरु-अमन साहू, चेला-अमन कुशवाहा, गणिका-आदिरा शशिधरन,पुष्पा-प्रियंका सोनी,विमल-सुलेखा हांडे, पंडि/यमदूत/चेला-आदिरा आंनन्दन, पंडा/यमदूत/चेला-अक्षत समाधिया,राम भरोसे-दीपक कुशवाहा ।
मंच परे-: प्रकाश-आदेश सिंह । वस्त्र विन्यास तथा रूप सज्जा -इंगिता मरावी, शिवांगी सिंह । संगीत-दीपक यादव, रजनीश यादव,निर्देशक- आदेश सिंह
प्रयास रंग समूह की सचिव ज्योति सिंह ने बताया कि हमारे महोत्सव में आगामी दिवस लोकरंग समिति सतना द्वारा तैयार नाटक “दुविधा” का मंचन होना है । विजयदानदेथा की कहानी का नाट्यलेखन तथा निर्देशन सविता दाहिया ने किया है । इसके बाद पांचवे दिन सम्प्रेषणा ग्रुप कटनी के नाटक “जादू का सूट” की प्रस्तुति होनी है । अलखनन्दन द्वारा लिखित इस नाटक के निर्देशक सदात भारती है ।
रीवा रंग महोत्सव की सभी प्रस्तुति दर्शकों हेतु निःशुल्क हैं । रीवा रंग महोत्सव में तृतीय दिवस के प्रथम सत्र में सत्येंद्र सिंह सेंगर ने मंच संचालन की जिम्मेदारी सम्हाली तथा द्वितीय सत्र में मंच संचालन का जिम्मा आरती तिवारी ने उठाते हुए, अपनी आवाज के जादू से दर्शकों को सम्मोहित कर दिया । आयोजन में प्रयास रंग समूह के संगी-साथी प्रशान्त सिंह, शैलेन्द्र कुशवाहा, संयोजक अनीश शुक्ल,दीपेश्वर सिंह, विजयानन्द त्रिपाठी ,शालिवाहन सिंह अविनाश सिंह रहे ।

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