नई दिल्ली(kundeshwartimes)- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केनिजी सचिव बिभव कुमार के सरकारी बंगले का आवंटन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने रद्द कर दिया है. साथ ही कुमार को दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने बंगला खाली करने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है.
कैंसिलेशन ऑर्डर में लिखा है कि विजिलेंस निदेशालय से प्राप्त पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव के पद पर कार्यरत बिभव कुमार को चंद्रावल वाटर वर्क्स सिविल लाइंस स्थित डी-2 टाइप-6 बंगला नियमों के विरुद्ध आवंटित किया गया है. उनको नियमानुसार टाइप 4 बंगला आवंटित किया जाना चाहिए. इसलिए वे बंगले को क्षेत्र के पीडबल्यूडी के जूनियर इंजीनियर को सौंप दें. साथ ही टाइप चार बंगले की अपनी प्राथमिकता के अनुसार लोकेशन बता दें।
नियुक्ति को बताया गया है अवैध
इससे पहले विजिलेंस निदेशालय ने 11 नवंबर को बिभव कुमार को नोटिस जारी कर कहा था कि उनकी नियुक्ति अवैध है और उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला भी लंबित है. भेजे गए नोटिस में एक हफ्ते में उन पर चल रहे मामले पर जवाब मांगा है. साथ ही यह भी लिखा है कि क्यों नहीं नोटिस के एक महीने में उनकी सेवा रद्द की जाए, क्योंकि उनके ऊपर आपराधिक मामला चल रहा है।
बिभव कुमार पर दर्ज है यह मामला
बिभव कुमार पर कथित तौर पर एक लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने धमकी देना का मामला दर्ज है. बिभव कुमार पर धारा 353 (लोक सेवक को रोकने के लिए हमला), 504 (शांति भंग करने से अपमान) और 506 (धमकी) के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है. निदेशालय ने कहा है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बिभव कुमार की सेवा जारी रखना कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में फरवरी में बिभव कुमार को भी बुलाया था. उनकी प्रारंभिक नियुक्ति मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं है. क्योंकि उनकी नियुक्ति डीओपीटी द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार नियंत्रित की जानी है. इसके बारे में दिल्ली सरकार के सामान्य एवं प्रशासन विभाग द्वारा सूचित नहीं किया गया था. केंद्रीय सिविल सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार बिभव कुमार की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।