ट्रैक्टर इंजन में लगी आग,मां बाप के सामने धू-धूकर जल गया नौजवान पुत्र,3 घंटे बाद पहुंचा फायरब्रिगेड।।कुंडेश्वर टाइम्स प्रदेश संवाददाता अनुराग द्विवेदी की रिपोर्ट

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सिंगरौली(kundeshwartimes)- बीती रात करीब 11:30 बजे एक सड़क हादसे ने मकरी गांव के गुप्ता परिवार को बिचलित कर दिया है।मॉ-पिता एवं बड़े भाई व भतीजी के नजरों के सामने धू-धूकर एक नौजवान युवक नरेन्द्र गुप्ता दम तोड़ दिया।इस ह्दय विदारक घटना को सून कर हर किसी की रूह कांप जा रही है।घटना सरई थाना क्षेत्र के ओबरी मार्ग के मुख्य मार्ग के बकहुल के समीपी नागपानी जंगल की वारदात है।जहां साप्ताहिक बाजार कर वापस ट्रैक्टर से कैलाश गुप्ता का परिवार घर आ रहा था कि बेकाबू ट्रैक्टर के अगला टायर ब्लॉस्ट हो गया और ट्रैक्टर इंजन के पलटते ही आग लग गई। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना में चालक नरेन्द्र गुप्ता उम्र 24 वर्ष ट्रैक्टर इंजन एवं आग के चपेट में आने से धू-धूकर जल गया। दरअसल हुआ यूॅ था कि ग्राम मकरी निवासी कैलाश प्रसाद गुप्ता हमेशा की तरह साप्ताहिक बाजार करने के लिए ट्रैक्टर में कपड़े का सामान लेकर सरई गया हुआ था।साप्ताहिक बाजार में स्वयं के साथ-साथ अपनी पत्नी मुन्नी देवी उम्र 55 वर्ष, दो बेटे अरूण उम्र 40 वर्ष, नरेन्द्र गुप्ता उम्र 24 वर्ष एवं पुत्री खुशी उम्र 12 वर्ष को लेकर गये हुये थे। मंगलवार की रात करीब 11:30 बजे ट्रैक्टर में कपड़े की सामग्री एवं परिवार के साथ वापस घर आ रहे थे कि ट्रैक्टर इंजन का अगला चक्का का टायर ब्लॉस्ट होते ही पलट गया।बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर जैसे ही पलटा उसमें आग लग गई और नरेन्द्र गुप्ता को आग पकड़ ली।जिसे बचाने के लिए ट्रैक्टर में सवार नरेन्द्र की मॉ-पिता, भाई व अन्य गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद चीख पुकार कर हर संभव कोशिश करते रहे।इसके बावजूद नरेन्द्र को बचाने के लिए सारे प्रयास विफल हो गये। मॉ-पिता,भाई एवं पुत्री के नजरों के सामने नरेन्द्र धू-धूकर जल कर काल के गाल मे समा गया। अब वहां घटनास्थल पर केवल नरेन्द्र गुप्ता का अवशेष ही रह गया।इस हादसे में कै लाश गुप्ता जहां हाथ बचाने के चक्कर में झूलस गया। वही मृतक की मॉ के हाथ-पैर दोनों टूट गये। शेष अन्य को भी गंभीर चोटे लगी हैं। ट्रैक्टर में मृतक का परिवार ही सवार था।जिनकी संख्या पॉच बताई जा रही है।
रहागीरों ने किया अनसुनी
मृतक नरेन्द्र के परिजनों के अनुसार जिस वक्त बेकाबू ट्रैक्टर के पलटने से आग लगी और उसे बचाने के लिए चीख पुकार करते रहे।उक्त मार्ग से गुजरने वाले राहगीर अनसुनी कर चलते गये।अंतत: जब आस-पास के गांव के लोगों को आवाज सुनाई दी। तब ग्रामीण घटनास्थल पहुंच बचाव कार्य में जुट गये।लेकिन तब तक में नरेन्द्र इस दुनिया को छोड़ कर चल बसा था।घायलों को पुलिस एवं ग्रामीणों के द्वारा उपचार के लिए सरई अस्पताल रवाना किया गया।

3 घंटे देरी से पहुंचा फायर ब्रिगेड

जानकारी के मुताबिक घटना के आधा घंटे बाद स्थल पर पहुंचे गामीणों द्वारा तकरीबन 12 बजे जेपी के साथ-साथ पुलिस को सूचना दी गई लेकिन बताया जा रहा है कि रात करीब 3 बजे जेपी मझौली का फायर ब्रिगेड पहुंचा। लेकिन तब तक सब कुछ साफ हो चुका था। घटनास्थल पर कंकाल के अलावा कुछ भी नजर नही आया। इधर ग्रामीण का कहना है कि यदि थाना या पुलिस चौकी में एक भी फायर बिग्रेड मशीन होती तो आगजनी की घटना पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता था। प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की नाकामी का दुष्परिणाम है।

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