मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद और विधानसभा के मानसून सत्र से पहले हो सकती है बड़ी प्रशासनिक एवं राजनैतिक सर्जरी

0
435

भोपाल(kundeshwartimes)-  चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना होने के बाद आदर्श आचार संहिता समाप्त हो जाएगी। इसके बाद किसी भी अधिकारी का तबादला करने के लिए चुनाव आयोग को प्रस्ताव नहीं भेजना पड़ेगा। जुलाई में मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र होगा, जिसमें मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसके पहले बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की जा सकती है।दरअसल, चार चरणों में प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के चुनाव होने के बाद से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। इसमें मैदानी स्तर पर कसावट लाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके आधार पर मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक अधिकारी बदले जा सकते हैं। इसमें कलेक्टर, कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं।

कई कमिश्नर कलेक्टर एसपी बदले जा सकते हैं

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने कुछ जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और कमिश्नर के तबादले किए थे। चुनाव के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर कुछ अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाना है। इसमें कानून-व्यवस्था से लेकर विभिन्न योजनाओं में प्रदर्शन आधार बनेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के कामकाज का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव द्वारा योजनाओं की समीक्षा जारी

मुख्य सचिव वीरा राणा द्वारा अलग-अलग योजनाओं को लेकर समीक्षा की जा रही है। पिछले दिनों खाद्य नागरिक आपूर्ति, शिक्षा, कानून व्यवस्था से लेकर कई विभागों के कामकाज की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि जैसे अभी चल रहा है, वैसा नहीं चलेगा।नर्सिंग कालेजों में गड़बड़ियों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है। वहीं, कानून-व्यवस्था को लेकर भी पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना से स्पष्ट कह दिया गया है कि गड़बड़ी स्वीकार नहीं करेंगे। पूरी टीम मैदान में दिखाई देनी चाहिए।

प्रभारी अधिकारियों के कामकाज की होगी समीक्षा

विभागों के साथ-साथ मुख्यमंत्री प्रभारी अधिकारियों के कामकाज की भी जल्द समीक्षा करेंगे। पहली बार विभागों के बीच समन्वय बनाने और मैदानी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए अपर मुख्य सचिव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों को संभागों का प्रभार दिया है।

दो माह बाद सक्रिय हुए अधिकारी

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 16 मार्च को प्रभावी हुई। इसके बाद कोई नया काम नहीं हो सकता था इसलिए जिस गति के साथ मोहन सरकार में काम प्रारंभ हुआ था, उसमें शिथिलता आई। अब चूंकि मतदान हो चुका है और जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र होगा इसलिए मुख्यमंत्री ने बैठकों का सिलसिला प्रारंभ किया है, जिससे अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। प्रतिदिन बैठकें चल रही हैं और विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं की रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। बजट भाषण में भी इनका उल्लेख किया जाएगा।

चुनाव परिणाम के बाद पार्टी में भी हो सकती है बड़ी राजनीतिक सर्जरी

4 जून को लोकसभा के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में भी राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल देखने को मिल सकता है सूत्रों की माने तो भारतीय जनता पार्टी सहित प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल एवं प्रशासनिक अधिकारियों में बड़े बदलाव की आहट दिखाई दे रही है यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है बाहर हाल इस विषय में कुछ भी कहना संभव नहीं है परंतु इसकी वास्तविक स्थिति 4 जून के चुनाव परिणाम के आधार पर ही निर्मित हो होगी की ऊंट किस करवट बैठेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here