वचनपत्र के अनुसार अतिथि शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा आरक्षण का लाभ,अतिथि शिक्षकों मे आक्रोश, पन्ना से कुंण्डेश्वर टाइम्स नगर ब्यूरो राजेन्द्र सिंह लोधी की रिर्पोट

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1 अतिथि शिक्षकों को 25% का आरक्षण या 25% की कैद
2 नहीं मिल रहा अतिथि शिक्षकों को आरक्षण का लाभ
3 नहीं किया गया आरक्षण रोस्टर का सही ढंग से पालन
4 अधिकारियों की मनमानी
5 अतिथि शिक्षकों ने लगाई सीएम हेल्पलाइन
6 अपनी मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन
7 मांगे नहीं सुनी गई तो लेंगे न्यायालय की शरण

8 अतिथि शिक्षकों को अतिथि विद्वानों की तरह दिया जाए बोनस अंक का लाभ।

पन्ना। शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक संघ के संयोजक मनीष अवस्थी ने बताया कि हम सभी अतिथि शिक्षक अत्यंत अल्प वेतन में मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में विगत दो दशकों से लगातार गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी शैक्षणिक कार्य करते हुए बेहतर परीक्षा परिणाम दे रहे हैं। साथ ही साथ 10:00 बजे से 5:00 बजे तक विद्यालयों में रहकर दिए गए समस्त दायित्वों का निर्वहन भी करते हैं। यथा कक्षाध्यापक,परीक्षा में वीक्षण कार्य, मूल्यांकन,पीटी ,गेम्स, बालसभा, सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य पाठ्येतर गतिविधियां आदि। हम सभी अतिथि शिक्षकों ने संगठित होकर समय-समय पर अवकाश दिवसों में अपने हितों के संबंध में सरकार का एवं अन्य राजनीतिक दलों का ध्यान आकृष्ट कराया।
इसी क्रम में वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा अपने वचन पत्र में अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने का वचन दिया गया जिसका हम सभी अतिथि शिक्षकों द्वारा हार्दिक स्वागत किया गया।
ज्ञात हो की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया 2018 में अतिथि शिक्षकों हेतु 25% पदों के आरक्षण का प्रावधान किया था। किंतु वर्तमान शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षक के इस आरक्षण को विभाग के अधिकारियों द्वारा अत्यंत चालाकी एवं षड्यंत्र पूर्वक प्रभावहीन कर दिया गया।
दिनांक 20/02/2020 को जारी उच्च माध्यमिक शिक्षक की प्राविधिक चयन सूची में षड्यंत्र पूर्वक सबसे पहले उच्च अंक प्राप्त अतिथि शिक्षकों से आरक्षित 25% पदों की सूची बना दी गई जो अन्य अभ्यर्थियों के 75% पदों की सूची में वरीयता के अगले क्रम में शामिल हो सकते थे
इसके बाद अन्य अभ्यर्थियों की सूची बनाई गई। जिससे कुछ एक विषयों में इक्का-दुक्का अतिथि शिक्षक ही 75% की सूची में निचले क्रम में सम्मिलित हो सके। इस प्रकार अतिथि शिक्षकों को 25% आरक्षित किए गए पदों का कोई वास्तविक लाभ न मिल सका, क्योंकि अन्य अभ्यर्थियों की 75% सूची में जो अतिथि शिक्षक ऊपर के क्रम में चयनित हो सकते थे उनको पहले ही अतिथि शिक्षकों की 25% सूची में सम्मिलित कर लिया गया।
इस संबंध में शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए हम सभी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय और शिक्षा मंत्री महोदय के नाम ज्ञापन दिया तथा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा एवं आयुक्त लोक शिक्षण को पत्र एवं ईमेल के माध्यम से इस विसंगति के संबंध में अवगत कराने का प्रयास किया किंतु अभी तक इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
सरकार के इस उपेक्षा पूर्ण एवं सौतेले व्यवहार से तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के षड्यंत्र से हम अतिथि शिक्षक अत्यंत आहत हैं। लगातार उपेक्षा और शोषण का दंश झेल रहे हम अतिथि शिक्षकों का भविष्य आज अंधकार में हो गया है।
सरकार यदि अपने वचन पत्र का ध्यान रखते हुए अतिथि शिक्षकों के हित में उदारता पूर्वक निर्णय लेती तो प्रदेश के उन बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल पाता जो लगातार प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अत्यंत अल्प वेतन में विगत दो दशकों से शिक्षणकार्य कर रहे हैं और बेहतर परिणाम दे रहे हैं।जब प्रतियोगी परीक्षा की तिथि घोषित हुई तब भी हमने छात्र हित को ध्यान में रखते हुए अपने शिक्षण कार्य को लगातार सुचारू रूप से जारी रखा तथा 10:00 बजे से 5:00 बजे तक संस्थाओं में उपस्थित रहकर सौपे गए दायित्व का निर्वाहन किया। जिससे हमारी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी बाधित हुई। फिर भी हमारे अतिथि शिक्षक भाइयों ने इस प्रतियोगी परीक्षा में अपनी योग्यता साबित की। आज जितनी पद विज्ञापित किए गए हैं उससे कई गुना अतिथि शिक्षक इस परीक्षा में सफल हुए हैं।
हम सभी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए यह कहना चाहते हैं कि सरकार हमारे हितों को लेकर उदारता पूर्वक विचार करें। विगत दिनों उच्च शिक्षा विभाग में हमारी तरह काम कर रहे अतिथि विद्वानों को जिस तरह बोनस अंक का लाभ प्रदान करते हुए सहायक प्राध्यापक की चयन प्रक्रिया में सम्मिलित किया गया। ठीक उसी प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग में काम कर रहे सभी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक का लाभ प्रदान किया जावे तथा सत्रवार अनुभव अंक प्रदान करते हुए शिक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया में सम्मिलित किया जावे। जिससे अतिथि विद्वानों की तरह हमें भी लाभ मिल सके।
आज हम सभी अतिथि शिक्षक लगातार शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपनी गुहार लगा रहे। सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से भी हमने अपनी बात रखने का प्रयास किया। किंतु हमारी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हम सभी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों के पास अब आंदोलन का ही विकल्प बचा है। जरूरत पड़ी तो हम अपने हितों की रक्षा के लिए माननीय न्यायालय की शरण में भी जाएंगे।

राजेन्द्र सिंह लोधी, नगर ब्यूरो पन्ना

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