थान्दला मे कोरोना महामारी- सेवा में आगे आया नगर का युवा वर्ग,झाबुआ के थादला से माणकलाल जैन के साथ मनीष वाघेला की रिपोर्ट

0
995

थांदला । संतो-महात्माओं की जन्म व कर्मभूमि के नाम से पहचाने जाने वाली थांदला नगरी का इतिहास रहा है कि जब भी स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जब जब भी कोई आपदा आई हो तब तब सेवा से लेकर आर्थिक स्तर तक की मदद क्यो न हो बिना किसी जाती, धर्म-वर्ग व राजनीति दलगत से परे हटकर बिना भेदभाव के यह नगर अग्रणी रहा है ।
वर्तमान में जब सम्पूर्ण देश कोरोना जैसी महामारी से ग्रस्त है, हर नगर शहर लॉक डाउन (तालाबंदी) से गुजर रहा है । इस महामारी का इतना खोफ बना हुआ है कि जनता भय के दौर से गुजर रही है ऐसे विकट समय मे भी इस नगर के सर्व समाज के नवयुवको के विभिन्न ग्रुपो ने बिना भय के जात-पात से परे हटकर सेवा के जज्बे के साथ सड़क पर उतरकर मानवता की मिसाल पेश की है ।

सेवा के नायब उदाहरण

“भूखे को भोजन, प्यासे को पानी सब मिलकर रोकेंगे यह हमारी”
किसी ने ग्रुप बनाकर मरीजो को घर बैठे दवाइया लेकर पहुचाने का जिम्मा सम्हाल तो कोई ग्रुप सड़को पर भटक रही गायों को घास व श्वानों को रोटियां खिलाने में व्यस्त हो गया । कोई बेरोजगार हो चुके मजदूर व गरीब वर्गों के घरों में खाद्य सामग्री राशन पहुचने की जिम्मेदारी का मानवीय उदाहरण प्रस्तुत करने में लगा तो कोई चाय, पानी, दूध की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी व कर्तव्य समझने लगा । किसी संगठन ने भोजन के पैकेट तैयार कर जरूरतमंद तक पहुचने का जिम्मा पूर्ण किया तो किसी ने लॉक डाउन में फसे लोगो को उनके घर तक पहुचने व बाहर रुके नगर के लोगो को यहां बुलवाने जैसी जिम्मेदारी का निर्वहन किया । अपने इन जिम्मेदारियों व मानवता के कार्यो में हिन्दुसंगठन ही नही दाउदी बोहरा समाज व मुस्लिम समाज के नवयुवको ने भी आगे आकर अपने अपने स्तर पर जिम्मेदार व मानवीय कर्तव्यों को पूर्ण कर एक बार फिर थांदला नगर के गौरवशाली इतिहास को बेकरार कायम रखा । सेवा का यह कार्य आज भी चल रहा है और परिस्थिति बनी रहने तक चलता रहेगा ।

इस तरह सम्हाली सेवा की जिम्मेदारी

22 मार्च के “केयर फॉर यू” जनता कर्फ्यू के बाद जब प्रधानमंत्रीजी द्वारा 21 दिन की “लॉक डाउन” की घोषणा होते ही नगर के सेवाभावी युवा वर्गों के विभिन्न ग्रुपो ने इस स्थिति से निपटने व आमजन को परेशानियों का सामना न करना पड़े इस दृष्टिगत को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारियां सम्हालना शुरू की ।

चाय, दूध, दवाई व्यवस्था

नगर के “ब्लड डोनेशन टीम” ने पहले विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों, चिकित्सा सेवा व पुलिस सेवा में नगर में जुटे कर्मचारियों, बाहर के ट्रक चालकों को चाय, दूध, बिस्किट की जुटाई । इस कार्य मे जब नगर का दाउदी बोहरा समाज आगे आया तो ब्लड डोनेशन टीम ने नगर के अन्य बीमारियों से ग्रस्त उन लोगो की समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया जो निकटस्थ गुजरात के चिकित्सको के इलाज पर आश्रित थे परन्तु यातायात सुविधाए बन्द होने से उन्हें गुजरात की दवाइयां उपलब्ध होना मुश्किल हो रही थी । टीम ने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को लिया व टीम के अर्पित लुनावत, गोलू उपाध्याय, अजय सेठिया, भोला चौहान, श्याम मोरिया व मोंटू उपाध्याय नगर के ऐसे सेकड़ो मरीजो को प्रतिदिन दोहद गुजरात जाकर दवाइया लेकर उपलब्ध करवा रहे है ।

संघ की भोजनशाला

21 दिन के लॉक डाउन में रोज कमाकर परिवार का पेट पालने वाले छोटे गरीब दुकानदारों, फेरी वालो, मजदूरों का दुःख दर्द राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने समझा व स्थानीय हनुमान अष्ट मंदिर परिसर में भोजनशाला शुरू की तथा उन लोगो तक रोटी, सब्जी-पूड़ी के पैकेट तैयार कर उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था की । 100 परिवारों के लिए बनने वाले भोजन के पैकेट 7 वे दिन में 500 से अधिक पैकेट पर जा पहुचा । गुजरात मे विभिन्न प्रदेशों के कार्यरत हजारों मजदूरों व अन्य कर्मचारीयो को जब इस विकट परिस्थिति में गुजरात से पैदल निकलना पड़ा तो थांदला होकर गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति को भूखा नही जाने दिया गया । आरएसएस का यह भंडार दिनरात चलता रहा व आज भी चल रहा है ।

खाद्य सामग्री वितरित

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जब गुजरात की ओर से प्रतिदिन लौटने वाले सेकड़ो मजदूरों व अन्य लोगो को भोजन उपलब्ध कराने में भूमिका शुरू की तो नगर के जैन शोषयल ग्रुप व राकेश-प्रफुल्ल तलेरा परिवार ने नगर के गरीब मजदूर परिवारों के राशन पानी की जिम्मेदारी लेते हुए उनके घरों में खाद्य सामग्री गेंहू, चावल, दाल, शक्कर आदि के पैकेट वितरण के अपने मानवीय कर्तव्यों को समझा ।

मूक पशुओं की सेवा

नगर के बीसीबी ग्रुप ने जीवदया का विशेष उदाहरण प्रस्तुत किया व नगर में घूमने वाले पशुओं तथा श्वानों के लिए दाना पानी की व्यवस्था जुटाने की जिम्मेदारी व कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए ग्रुप के सदस्यो ने घास व रोटियों के माध्यम से इन मूक पशुओं के पेट को तृप्त किया ।

समाज के हर वर्ग को राहत

नगर के सकल मुज़लिम समाज का युवा वर्ग भी सेवा कार्य मे जुटा व उन्होंने भी समाज के उन गरीब परिवारों के लिए राशन सामग्री की व्यवस्था की जिनके परिवार प्रतिदिन अपनी मजदूरी व व्यवसाय पर ही जीवन आधारित थे इस कड़ी मे पत्रकारो ने भी चाय नाश्ता इमर्जेंसी सेवा करने वाले पुलिसकर्मी व नगर परिषद के कर्मचारी को नाश्ता चाय करवाई जा रही है

परेशानियों से निजात

“आज़ाद भूमि” परिवार के सदस्यो ने इस संकट की बेला में नगर के जो व्यक्ति अन्य शहरों में रह गए थे उन्हें अपने घर तक लाने व अन्य शहरों के व्यक्ति जो यहां रुके थे उन्हें अपने शहर, गावो तक भिजवाने की जिम्मेदारी प्रशासन के सहयोग से पूर्ण की ।

घर पहुच शुरू हुई सेवा

नगर में आम जनता को सब्जी, दूध, फल, किराना सामग्री आदि घर बैठे प्राप्त हो जनता को इस हेतु बाजार में नही आना पड़े, क्षेत्र के गावो में भी इन चीजों का अभाव न हो इसके लिए समाजसेवी व किराना व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल भंसाली व एसो. के सदस्यो ने प्रशाशन के साथ योजनापूर्वक रणनीति बनाई जिसके तहत सभी किराना व्यापारियों के वाट्सऐप नम्बर की सूची जारी की गई उस पर आर्डर भेजने पर सामग्री घर पहुचाई जा रही है । नगर में 20 सब्जी विक्रेता को अधिकृत किया जो ठेलागाड़ी से गलियों में घूमकर सब्जी दे रहे है इसी तरह दूध विक्रेता भी साइकलों के माध्यम से नगर की गलियों में घूमकर घर घर दूध पहुचने हेतु अधिकृत किये जाने से सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है जिसमे आमजन को घर बैठे ही सामग्री उपलब्ध हो रही है ।

पुलिस व्यवस्था माकूल

नगर के प्रमुख चौराहों व नगर के प्रवेश मार्गो पर पुलिस जवानों को तैनात किया गया है जो बिना वजह सड़को पर घूमने वालो को पहले प्रेम से समझाते रहे और न समझने वालों को पुलिसिया सख्ती से समझाइस देने के नतीजतन नगर की सड़कों पर फालतू घूमने वालो पर रोक लगी ।

प्रशासन का मिल रहा सहयोग

नगर में सम्पूर्ण व्यवस्था व सेवा कार्य सुचारू बनाये रखने में नगर के सामाजिक कार्यकर्ताओं, समाजसेवी संस्थाओं, समस्त ग्रुप सदस्यो, मीडिया का प्रशासन से समन्वय तथा सहयोग ही इस नगर को सेवा के साथ सावधानी बरतने व “कोरोना मुक्त” करने में सहायक बन रहा है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here