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- दमोह – जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर नोहटा थाना अंतर्गत बनवार पुलिस चौकी के खेदार गांव के जंगल मे एक आदिवासी किशोरी का शव सदिंग्ध हालत मे उसकी ही चुनरी से पेड़ पर फांसी के फंदे पर झूलती मिलने का दुखत घटना क्रम सामने आया है आदिवासी समाज के मसीहा कहे जाने बाले बिरसा मुंडा जयंती के दिन दमोह जिले के नोहटा थाना अंर्तगत खेडार गांव के एक गरीब आदिवासी परिवार की 16 बर्षीय बेटी मंगलवार सुबह शौच क्रिया के लिए जंगल मे गई थी दोपहर तक जब किशोरी घर बापिस नहीं लौटी तो उसकी तलाश की गई। बाद मे उसका शब एक पेड़ पर उसकी ही चुनरी से फांसी के फंदे से झूलता मिला. इसकी जानकारी लगते ही मौके पर ग्रामीण की भीड़ एकत्रित हो गई सनसनी के हालत निर्मित हो गये फांसी पर झूलती किशोरी के पैर जमीन से सटे होने की स्थिति भी खुदखुशी जैसे हालात को प्रथम दृष्टया संदिग्ध दर्शा रही थी । वही ग्रामीण ने गांव की गरीब दिव्यांग बेटी के साथ अनहोनी की आशंका भी जताई जा रही है बाद मे घटना की सूचना मृतका के पिता लालसिंह आदिवासी ने बनवार पुलिस की दी। शाम को चौकी प्रभारी राम लखन दुबे और आ बीरेंद्र वाडेकर मौके पर पहुचे तथा पंचनामा कार्यवाही करते हुए शब को पोस्ट मार्टम के लिए जबेरा भिजवाया गया। बताया जा रहा है की किशोरी मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ साथ गूंगी था बहरी भी थी ऐसे मे सबाल यही उठ रहा है की मानसिक रूप से दिव्यांग किशोरी को अपनी ही चुनरी से फांसी के फंदे पर झूलने की अकल कहा से आई