नई दिल्ली: सोलवी शताब्दी के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में एक ऐसी बीमारी की भविष्यवाणी की थी जो कि दुनिया में तांडव मचाएगी। विडंबना यह है कि नास्त्रेदमस ने जो तारीख बताई थी वह 21 वी शताब्दी के 2020 की थी।
उन्होंने अपनी भाषा में लिखा था कि इस बीमारी से कम से कम 1500000 लोगों की मौत हो गई और लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोग इसमें संक्रमित होंगे। उन्होंने अपने भाई शादी में कहा था कि 2021 के अंत तक यानी दिसंबर तक इस बीमारी का दुनिया से नामो निशान मिट जाएगा।
नास्त्रेदमस ने अपनी भाषा में लिखा था कि 2020 तक यानी 21वीं शताब्दी में लोग इतने स्वार्थी हो जाएंगे की प्रकृति को विनाश की ओर ले जाएंगे जिससे वातावरण दूषित होगा और धरती का संतुलन बिगड़ जाएगा।
इस संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रकृति खुद पर खुद ऐसा व्यवस्था करेगी सारी दुनिया को ठप जाना होगा ताकि प्रकृति अपने आप को फिर से ठीक कर सके।
हम लोग इससे यह अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस प्रकृति के लिए एंटीवायरस है जिसके कारण फैक्ट्रियां और अलग तरह के वातावरण को दूषित करने वाले यंत्रों से प्रकृति को कुछ समय के लिए लॉकडाउन के कारण छूट मिली है ताकि वह तब तक अपनी रिकवरी कर सके।