आर. पी. एफ ने रेलवे की तत्काल टिकट बनाने वाले गिरोह को पकड़ा,रेलवे का कर्मचारी ही निकला आरोपी,शहडोल से अरविंद द्विवेदी की स्पेशल रिपोर्ट

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शहडोल – शुक्रवार की सुबह लगभग 10 बजे से 4.30 बजे तक पीआरएस में चेकिंग के दौरान काउंटर के अंदर तत्काल के समय ड्युटी पर तैनात कर्मचारी जो टिकट बना रहा था, उसे हटाकर एक अन्य व्यक्ति टिकट बनाने लगा, रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों की माने तो यह कारोबार लगभग लॉकडाउन के बाद से निरंतर चालू था, रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक आर.पी. सिंह ने बताया कि चेकिंग के दौरान काउंटर के अंदर तत्काल के समय ड्युटी पर तैनात कर्मचारी जो टिकट बना रहा था, उसके हटाकर एक अन्य व्यक्ति टिकट बनाने लगा, संदेह के आधार पर पीआरएस के अंदर घेराबंदी कर उक्त व्यक्ति को रोका गया।

रेलवे कर्मचारी निकला आरोपी

पूछताछ करने पर उसने अपना नाम रमन कुमार रजक पिता स्व. मूलचंद रजक उम्र 32 वर्ष निवासी रेलवे कालोनी क्वाटर नंबर 193/01 बताया। पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह भी रेलवे कर्मचारी है, काउंटर में आने के संबंध में पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह 1 नग तत्काल टिकट बनाने आया था और अपने पास रखे तत्काल टिकट को दिखाया।

स्टेशन से ले जाता था टिकट

पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसे तेज प्रताप के मोबाइल से उसके मोबाइल में वॉटसएप मैसेज भेजता है और टिकट बनाकर उसे उक्त मोबाइल नंबर पर मैसेज कर देता है। जिसके बदले उसे शयानयान श्रेणी का प्रति टिकट 2000 रूपये एवं वातानुकूलित श्रेणी का प्रति यात्री 300 रूपये अतिरिक्त कशीशन मिलता है और टिकट की रकम व कमीशन की रकम वह अपनी पत्नी छाया भारद्वाज के सेंट्रल बैंक अकाउंट नंबर में पैसे का स्थानांतरण करवाता है, तथा टिकट की मूल प्रति मो. अमज को मोबाइल पर सूचना देने पर अमजद खान स्टेशन के पास आकर टिकट ले जाता है।

मोबाइल से मैसेज के बाद कारोबार

16 अक्टूबर को समय करीबन 2.15 बजे मो. अमजद खान टिकट लेने के लिये शहडोल रेलवे स्टेशन के पास आया था कि उसी समय घेराबंदी की गई। तब उसके साथ एक अन्य व्यक्ति भी खड़ा था, दोनों से पूछताछ करने पर अपना नाम राजेन्द्र आनंद पिता भैयालाल उम्र 30 वर्ष निवासी आदर्श कालोनी बुढ़ार एवं मो. अमजद खान पिता रज्जाक खान उम्र 38 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 03 पठानी बस्ती सोहागपुर बताया, तब राजेन्द्र आनंद द्वारा बताया गया कि मुझे रमन कुमार रजक द्वारा मोबाइल फोन पर मैसेज भेजने पर मैं टिकट बनाकर उसकी फोटो रमन कुमार रजक के वॉटसएप पर टिकट की फोटो भेज देता हूं एवं टिकट की मूल प्रति मो. अमजद खान को शहडोल लाकर दे रहा था कि पकड़े गये।

स्वीकार किया अपराध।

रमन कुमार रजक के मोबाइल से 15 नग यात्रा टिकट जिसकी कीमत 47 हजार 10 रूपये एवं 01 नग आगामी यात्रा टिकट कीमत 6540 रूपये एवं राजेन्द्र आनंद के मोबाइल से 12 नग टिकट कीमत 34 हजार 89 रूपये, 10 नग यात्रा की टिकट कीमत 27 हजार 969 रूपये एवं 01 नग आगामी यात्रा टिकट कीमत 6120 रूपये को निकालकर प्रस्तुत किये, कुल टिकटो की संख्या 27 नग जिसकी कुल कीमत 81099 रूपये उक्त रेलवे टिकट बनाकर बेचने के संबंध में वैधानिक दस्तावेज या लाइसेंस की मांग करने पर तीनों द्वारा कुछ भी दिखाने में असमर्थ रहे तथा अपने अवैध रूप से व्यापार करने का अपराध स्वीकार किया।

रेलवे टिकट सहित मोबाइल हुए जब्त।

उक्त मामले में रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत दोषी पाकर मौके पर उपलब्ध गवाहों के समक्ष तीनों आरोपी का बयान दर्ज कर मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य पाकर दोनों के कब्जे से कुल 27 नग रेलवे टिकट कीमत 81099 रूपये एवं मो. अमजद खान के पास से 01 नग मोबाइल को जब्त किया गया एवं मौके की आवश्यक कार्यवाही कर जब्त शुदा संपत्ति एवं आरोपी के साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु रेलवे सुरक्षा बल को सुपुर्द किया गया। जहां उसके विरूद्ध शुक्रवार को धारा 143 रेल अधिनियम कायम किया गया। उक्त मामले की जांच उपनिरीक्षक के.के.दुबे के द्वारा की जा रही है।

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