रेंजर के बाद अब डीएफओ सिकरवार पर बरस रही हैं सीसीएफ की कृपा,शहडोल से कुंडेश्वर टाइम्स के लिए अरविंद द्विवेदी की स्पेशल रिपोर्ट

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शहडोल/उमरिया :- जंगल मे इन दिनों जिस तरह से मंगल हो रहा है यह तो बीते दिनों वायरल आडियो और अब उमरिया डीएफओ के करतूतों के रूप में दिखाई दे रहे हैं विगत दिनों के रेत मैनेजमेंट के वायरल आडियो ने वन विभाग के सम्भाग में बैठे सारे अधिकारियों के ईमानदारी की तमाम काले चिट्ठों को आमजनमानस के समक्ष आईने की तरह रख दिया किन्तु भ्रष्टाचार की जड़ें बरगद के वृक्ष की तरह मजबूत हैं जिसकी गुच्छे व शाखाएं जमीन के सैकड़ो गज अंदर व बाहर परत-दर परत बिखरे रहते हैं। हम नही सुधरेंगे हमने बेईमानी की कसम खाई है का नारा वन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर सम्भागीय कार्यालय तक चल रहा है सम्भाग में बैठे सीसीएफ ने अपने आंखों में इस तरह से पट्टी बांध रखा है जिसे महाभारत के संजय के उद्बोधन से गलत और सही का ज्ञान होता है खैर यह तो आम बात है मैनेजमेंट का पूरा खेल ऊपरी पायदान से ही होता है। यह तो वायरल आडियो में भी स्पष्ट हुआ है बहरहाल अब बारी है उमरिया डीएफओ की देखना है उन पर सीसीएफ महोदय की क्या कार्यवाही होती है।

क्या ज्ञात हुआ शिकायत में

विगत दिनों वनमण्डल अधिकारी उमरिया के भ्रष्टाचार व करतूतों की शिकायत भोपाल मुख्यालय के वनमन्त्री तक कि गई किन्तु शिकायत की फाइल मंत्री जी कार्यालय से चलते-चलते उमरिया के कार्यालय में आकर सम्भागीय मुख्यालय में दफन हो गई। उमरिया वनमण्डल अधिकारी पे आरोप हैं कि वनमण्डल अधिकारी आरएस सिकरवार अपने कनिष्ठ कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रताड़ित करते हैं इतना ही नही इनकी तानाशाही को इंकार करने की जुर्रत अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी करते  हैं उन्हें कालापानी की सजा सुनाने से भी ये जरा भी नही कतराते इनकी तानाशाही में समाज के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाली महिलाएँ भी शामिल है।

ऐसी हुई लीपापोती

उमरिया वनमण्डल अधिकारी आरएस सिकरवार के नाम मे इतने कारनामे हैं कि शायद चन्द अल्फाजो में बयाँ न हो जिसमें महिला कर्मचारियों का भी शोषण शामिल है इनकी बात न मानने पर इनके द्वारा महिला कर्मचारियों को जंगल भेजने वन्यप्राणियों के बीच रहने का दबाव बनाया जाता है। बीते दिनों मनरेगा में किये गए तालाब खुदाई कार्य मे जेसीबी लगाकर इन्होंने मजदूरों का हक तो मारा ही सांथ ही तालाब व जंगल क्षेत्र से निकले मुरुम को राजमार्ग बनाने वाले ठेकेदार को  नौरोजाबाद के बीट सस्तरा के 510 क्रमांक में  बड़े-बड़े हाइड्रा व भारी वाहन लगाकर बेंचे गए यहां तक कि फेंसिंग के लिए आए कांटा तार को औने पौने दाम खरीद बेंचकर खूब माल कमाए काँटा तार को सीधे रेंज आफिस न भेज डिपो में रखवाए गए ताकि उसे मनमर्जी भ्रष्टाचार की कतार में रखा जा सके।  

सगे सम्बन्धियो को दिलाया अनुचित रूप से लाभ।

अपना स्वार्थ तो ठीक है पर वनमण्डल अधिकारी ने अपने निजी रिश्तेदारों को भी लाभ दिलाने में पीछे नही हटे और समस्त संगीन आरोपो के बाद भी पाली रेंज में छोटे-बड़े तालाब जेसीबी से खुदवाकर मुरुम,मिट्टी बेंच खाए इतना ही नही महोदय इस कार्य मे अपने निजी रिश्तेदारों के वाहन लगाकर उन्हें अनुचित रूप से लाभ दिलाया जिसका खामियाजा वाहनों को डिपो के रूप में खड़ा कर कार्यवाही के रूप में भुगतना पड़ा शिकरवार जी जंगल क्षेत्र में 10-12बड़े तालाब खुदवाकर उसकी मिट्टी मुरुम तो चपत ही कर गए सांथ ही तालाबो की राशि भी आहरित कर गए।

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