थांदला – नवपद ओलिजी का समापन – तपस्वी रवि लोढ़ा ने की 9 उपवास की उग्र तपस्या
मनीष वाघेला
जिन शासन गौरव जैनाचार्य पण्डित श्रीउमेशमुनिजी “अणु” के आज्ञानुवर्ती प्रवर्तक आगम विशारद पूज्य श्रीजिनेंद्रमुनिजी आदि ठाणा 4 एवं पुज्या श्रीनिखिलशीलाजी आदि ठाणा 4 के सानिध्य में चल रहे ऐतिहासिक चातुर्मास में शाश्वत नवपद ओलिजी की तप आराधना 52 तपस्वियों ने आयम्बिल, निवि आदि तप से पूर्ण की।
ओलिजी के अंतिम दिन शरद पूर्णिमा के साथ पक्खी पर्व होने से अनेक श्रावक श्राविकाओं ने परिपूर्ण पौषध, उपवास, आयम्बिल, निवि, एकासन आदि तप भी किये।
तपस्वी रवि माणकलाल लोढ़ा ने 9 उपवास तप की आराधना पूर्ण हुई संघ द्वारा उनका बहुमान पूनमचंद गादिया ने तप से किया।
जानकारी देते हुए संघ सचिव प्रदीप गादिया, प्रवक्ता पवन नाहर व ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष कपिल पिचा ने बताया कि नवपद ओलिजी के लाभार्थी धर्मलता महिला मण्डल ने नो दिवसीय नवपद ओलिजी की सुंदर व्यवस्था स्थानीय महावीर भवन पर की। वही सभी तपस्वियों के पारणे का लाभ समरथमल प्रवीण पालरेचा परिवार द्वारा लिया गया। चातुर्मास में जैन सन्त युवाओं को संस्कारित करने के प्रयास कर रहे है। सभा का संचालन संघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत ने किया।