पहली व दूसरी की परीक्षा नहीं होगी, तीसरी व चौथी और छठवीं व सातवीं का वार्षिक मूल्यांकन पांच अप्रैल से शुरू होगा

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राज्य शिक्षा केंद्र ने वार्षिक मूल्यांकन की समय-सारिणी और मूल्यांकन पद्धति के दिशा-निर्देश जारी किए

भोपाल(kundeshwartimes)  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नेशनल फ्रेमवर्क करिकुलम (एनसीएफ) लागू किया गया है इसके तहत पहली व दूसरी कक्षा में परीक्षा नहीं ली जाएगी, बल्कि सीखने की क्षमता के आधार पर मूल्यांकन किया गया है। दोनों कक्षाओं के लिए एफएलएन (मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान) आधारित एक अभ्यास पुस्तिका दी गई है। इससे हर दिन बच्चे का आकलन किया गया है। वहीं तीसरी व चौथी, छठवीं व सातवीं का वार्षिक मूल्यांकन पांच अप्रैल से आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक विषय में 60 अंक का लिखित और 40 अंक का प्रोजेक्ट वर्क होगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने वार्षिक मूल्यांकन की समय-सारिणी और मूल्यांकन पद्धति के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी विद्यार्थियों को लिखित और प्रोजेक्ट कार्य दोनों में अलग-अलग 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। वार्षिक परिणाम 28 अप्रैल को जारी किया जाएगा।

प्रश्नों का पैटर्न ऐसा होगा

वहीं तीसरी व चौथी, छठवीं व सातवीं का प्रत्येक विषय के लिए पूर्णांक 100 अंक का होगा। इसमें प्रश्नपत्र आधारित 24 प्रश्न होंगे, जो 60 अंक का होगा। इसमें बहुविकल्पीय 10 अंक के दस प्रश्न, लघुउत्तरीय 30 अंक के दस प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय 20 अंक के चार प्रश्न होंगे।

40 अंक का प्रोजेक्ट कार्य होगा

प्रत्येक विषय में 40 अंक का प्रोजेक्ट वर्क होगा। शिक्षकों को विद्यार्थियों से 15 मार्च तक प्रोजेक्ट कार्य पूरा करना होगा। वहीं शिक्षकों को 25 मार्च तक प्रोजेक्ट वर्क स्कूलों में जमा करना है। शिक्षकों द्वारा प्रोजेक्ट कार्य का मूल्यांकन 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षक द्वारा लिखित मूल्यांकन एवं प्रोजेक्ट कार्य के प्राप्तांकों के योग के आधार पर ग्रेड अंकित किए जाएंगे।

इनका कहना है

-पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों का सीखने की क्षमता पर आकलन होगा। तीसरी व चौथी, छठवीं व सातवीं कक्षा का वार्षिक मूल्यांकन होगा।

 

धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र

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