*जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए ।*
_थांदला के युवक ने किया न्यायालय में परिवाद दायर_
थांदला मनीष वाघेला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद एवं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के देशद्रोही भाषा मे इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिए इंटरव्यू को राष्ट्र की मर्यादा व राष्ट्रद्रोही कदम मानते हुए थांदला के युवक लोकेश कन्हैय्यालाल परिहार द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष परिवाद दायर कर देशद्रोह के आरोप में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की है ।
वरिष्ठ एडव्होकेट श्री बिपिनसिह राठौर के माध्यम से प्रस्तुत परिवाद में लोकेश परिहार ने न्यायालय को कहा कि में एक भारतीय नागरिक होकर इस राष्ट्र के कानून व मर्यादा का पालन करता हु । अभियुक्त फारुख अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस राजनीतिक दल से इस राष्ट्र की संसद के सदस्य है, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे है परंतु आज वे इस देश के विरोध में मीडिया के समक्ष खुले रूप से देशद्रोही की बाते कर रहे है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए, 124 ए तथा 153 ए एव बी के अपराध की श्रेणी में होकर इनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए ।
परिवाद में विस्तृत जानकारी देते हुए न्यायालय को बताया गया कि फारुख अब्दुल्ला ने विगत 3 अक्टूबर को इलेक्ट्रानिक मीडिया “द पायर” चेनल के करन थापर को दिए एक इंटरव्यू में भारतीय संविधान का खुला मजाक उड़ाते हुए देशद्रोह की बाते करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 चीन के सहयोग से हटाई जाएगी, जम्मू कश्मीर की जनता सड़क पर आकर भारत की चूहे हिला देगी, जम्मू कश्मीर के नागरिक भारतीय नागरिकता नही अपितु चीनी देश की नागरिकता ग्रहण करना पसंद करते है । फारुख अब्दुल्ला ने खुले रूप से अपने इंटरव्यू में चीन को भारत पर आक्रमण करने का न्योता तक दिया । यही नही उन्होंने इस इंटरव्यू में देश के प्रधानमंत्री को दाँत पीस पीसकर गालिया तक दी ।
फारुख अब्दुल्ला इस देश की संसद के सम्माननीय सदस्य होकर देश के कानून व नियमो को न केवल धत्ता बता रहे है अपितु राष्ट्र में गरिमामय पद पर बैठकर राष्ट्र द्रोह जैसी बातें कर देश की एकता व अखण्डता बिगाड़ने जैसी बातें कर देशद्रोह की हरकतें लगातार करते जा रहे है ।
अपने परिवाद में लोकेश परिहार ने न्यायालय को अवगत करवाया की उनके द्वारा थाना एरोड्रम को लिखित आवेदन दिया जिसे थानाधिकारी ने लेने से इनकार कर दिया तब उन्होंने डीआईजी महोदय को शिकायत प्रस्तुत की परंन्तु उनके द्वारा भी कोई संज्ञान न लिए जाने की स्थिति में श्रीमान के न्यायालय में यह परिवाद प्रस्तुत कर निवेदन है कि फारुख अब्दुल्ला के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया जाकर कठोर दंड दिया जावे ।
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